क्रिकेट वर्ल्डकप में 15 लाख लोगों को ठगने का महाप्लान:7 महीने पहले हुई FIR ने बचाए 38 हजार करोड़

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(www.arya-tv.com) क्रिकेट विश्वकप 5 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसकी तैयारी सिर्फ 10 देशों की टीमें ही नहीं कर रही हैं। बल्कि जालसाजों ने भी हजारों करोड़ ठगने का जाल बिछा दिया। महीनों पहले ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग वेबसाइट और ऐप लॉन्च कर दिए गए। यूजर्स को इससे जोड़ना भी बदस्तूर जारी था।

15 लाख भारतीय इनके टागरेट एरिया में थे। इनसे 38 हजार करोड़ रुपए कमाने की तैयारी थी। साइबर ठग इतनी बड़ी रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदल कर विदेश ट्रांसफर करने की फिराक में थे। मगर 7 महीने पहले आगरा में दर्ज हुई 1 एफआईआर ने इंटरनेशनल ठगों के मंसूबों को ही क्लीन बोल्ड कर दिया।

आगरा साइबर टीम ने 27 गेमिंग-बैटिंग वेबसाइट और 7 ऐप को ब्लॉक कर दिया है। पुलिस अधिकारियों की माने तो चीन, रूस, वियतनाम और फिलीपींस में बैठे अपराधी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का डाटा चुरा कर लोगों से फर्जी ऐप पर बैटिंग करवा रहे थे।

थर्ड पार्टी ऐप और रेंटल खातों के जरिए होता है खेल
करीब 7 महीने पहले आगरा के थाना शाहगंज में स्टार इंडिया कंपनी की तरफ से ब्लू आईकान इंवेस्टीगेशन सर्विसेज के हेमंत टंडन ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया था कि स्टार इंडिया कंपनी के अधिकृत लाइव कंटेंट, लाइव गेम थर्ड पार्टी ऐप के जरिए डाउनलोड किए जा रहे हैं। विदेश में लगे किसी सर्वर की मदद से ग्राहकों को दिखाए जाते हैं। ऐप के जरिए मैचों में सट्टा भी कराया जाता है। ग्राहकों से सब्सक्रिप्शन राशि ऑनलाइन विभिन्न खातों में डिपॉजिट कराई जा रही है।

पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया, “साइबर सेल और आगरा पुलिस इस फर्जीवाडे़ की तह में जाने के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक गई। यहां से 3 लोगों को पकड़ा गया। इनसे पूछताछ में इस पूरे सिंडिकेट का पता चला। मालूम हुआ कि ये पूरा खेल चीन, हांगकांग, थाईलैंड, वियतनाम और कंबोडिया से चल रहा है। चीन और हांगकांग में बैठे वेबसाइट और ऐप डवलपर्स अपनी असली पहचान को छिपाकर अवैध रूप से स्पोर्ट बेस्ड ऐप और वेबसाइट चला रहे हैं।

पहचान उजागर न हो, इसके लिए लंबा फर्जीवाड़ा
विदेश में बैठे महाठगों की असलियत सामने न आए, इसके लिए उन्होंने पुख्ता इंतजाम किए हैं। वह थर्ड पार्टी ऐप को किसी ऐसे देश के होस्ट सर्वर पर चलाते हैं। जिस पर भारत का कंट्रोल नहीं होता। इन वेबसाइट पर ये क्रिकेट मैचों की रीस्ट्रीमिंग करते हैं। ये लोग फ्री या बहुत ही कम सब्सक्रिप्शन रेट पर लाइव मैच दिखाने के नाम पर लोगों को अपने ऐप से जोड़ते हैं। जब लोग इनके ऐप या वेबसाइट पर आते हैं, तो ये उन्हें सट्‌टेबाजी का विकल्प देते हैं।

ट्रांजेक्शन के लिए खुलवाते हैं खाते
ये ठग ट्रांजेक्शन के लिए अपने वास्तविक बैंक एकाउंट का प्रयोग नहीं करते, बल्कि लोगों के खाते खुलवाकर उसका इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए बाकायदा वो खाते खुलवाकर उन्हें किराए पर लेते हैं। इसके लिए वो इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, वॉट्सऐप पर एड देते हैं। इसमें घर बैठे रुपए कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। बैंक खाता खोलने व खुलवाने पर 5 से 10 हजार रुपए दिए जाते हैं।

मल्टी मीडिया मार्केटिंग की तरह खाते खुलवाने की पूरी चेन चलती है। लोगों को लगता है कि बस खाता खुलवाने पर 10 हजार रुपए मिल रहे हैं, ऐसे में वो अपने परिचित और रिश्तेदारों के खाते खुलवाते रहते हैं। खाते खुलवाने का पूरा प्रोसेस भी ऑनलाइन ही होता है। इसमें कई बडे़ निजी बैंकों में खाते खुलवाए गए। खाते खुलवाने पर इंडिया में काम कर रहे एजेंट को ट्रांजेक्शन की 30% रकम दी जाती है, बाकी का 70% रकम विदेश चली जाती है।