यूपी में बेसिक स्कूलों के 3.74 लाख रसोइयों को मिलेगा आयुष्मान का ‘कवर’, मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा

Lucknow

(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों को आयुष्मान योजना के दायरे में लाने की योजना पर काम शुरू किया गया है। बेसिक स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कैशलेस इलाज मिल सकेगा। इसके लिए 3.74 लाख रसोइयों को योजना में शामिल किया जाएगा।

मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इस बाबत शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। पिछले विधान सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रसोइयों का मानदेय 1500 रुपये बढ़ाकर 2000 करने, यूनिफॉर्म देने और आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का ऐलान किया था। मानदेय बढ़ाने और यूनिफॉर्म देने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। इस दौरान रसोइए लगातार आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने और कैशलेस इलाज की मांग कर रहे थे।

इसी महीने रसोइयों ने अपने प्रदर्शन के दौरान भी यह मांग प्रमुखता से रखी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए माध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे पहले शासन स्तर पर भी इसको लेकर कई बैठकें हो चुकी हैं। वहीं आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना के लिए काम करने वाली स्टेट एजेंसी ‘साचीज’ के साथ भी मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कई दौर की बातचीत की। साचीज की ओर से प्राधिकरण को बताया गया कि प्रति परिवार 1102 रुपये बीमा प्रीमियम आएगा।

इस तरह कुल 3,74,858 रसाइयों के परिवारों के मेडिक्लेम प्रीमियम का सालाना खर्च 41,30,93,316 रुपये प्रतिवर्ष आएगा। इनमें से कुछ रसोइए यदि पहले से लाभ पा रहे हैं तो उनको अलग करने पर यह खर्च कुछ कम हो सकता है। यह धनराशि प्रीमियम के तौर पर राज्य सरकार को वहन करनी होगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि रसाइयों को इस योजना से जोड़े जाने के बाद उनके और परिवार के सदस्यों को अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक कैशलेस इलाज मिल सकेगा।

आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर होने के कारण रसोइये इलाज नहीं करा पाते और मृत्यु भी हो जाती है। इलाज के अभाव में होने वाली मृत्यु से बचा जा सकेगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक विजय किरण आनंद की ओर से यह प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को भेज दिया गया है।