हरियाणा विधानसभा में पारित हुआ सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक, बिल वापसी पर कांग्रेस विधायकों ने लगाए नारा

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(www.arya-tv.com) हरियाणा विधानसभा में गुरुवार को सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली विधेयक पारित कर दिया गया। अब सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ करने वालों से वसूली की जाएगी। इससे पहले बिल चर्चा के लिए पेश करते ही सदन में कांग्रेस ने हंगामा कर दिया। नाराज कांग्रेसी वेल में पहुंच गए। कांग्रेस विधायकों ने बिल वापस लेने के लिए नारेबाजी की।  

शोर शराबे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान सीएम बोलने की मांग करते रहे, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर क्षति वसूली का विधेयक सोमवार को विधानसभा में पारित नहीं हो पाया था। गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक, 2021 सदन में पेश किया था। विज के विधेयक को पेश करते ही नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल उठाए थे।

उन्होंने कहा कि सरकार यह विधेयक जल्दबाजी में लाई है। इसे विधानसभा की चयन समिति को भेजा जाए। जल्दबाजी में यह कानून पास नहीं होना चाहिए। हुड्डा ने विधानसभा अध्यक्ष से इस विधेयक पर सदन में मतदान कराने की मांग भी की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल, गृह मंत्री अनिल विज और अन्य भाजपा विधायकों ने हंगामा किया।

कांग्रेस की तरफ से विधायक किरण चौधरी, रघुबीर कादियान, गीता भुक्कल, जगबीर मलिक ने मोर्चा संभाला। विधेयक को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से भी कांग्रेस विधायकों की बहस हुई। हुड्डा ने कहा कि यह कानून बनाने की कोशिश एक बार पहले भी हो चुकी है। इसके तहत अनेक ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे बेकसूर को भी फंसाया जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इसे अभी पारित नहीं कर रहे। इसे चर्चा के लिए सदन में पेश किया है। 

विज ने विधेयक की पैरवी करते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान सहन नहीं कर सकते। आंदोलन शांतिपूर्वक होने चाहिए, उपद्रवी प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं। विधेयक में नुकसान के आंकलन व वसूली के लिए एक या अनेक क्लेम ट्रिब्यूनल गठित करने का प्रावधान है। इसमें चेयरमैन व सदस्यों को शामिल किया जाएगा। दस करोड़ से अधिक के क्लेम इसके दायरे से बाहर होंगे। हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 को भी चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया। इन विधेयकों को विस्तार से चर्चा के बाद पारित किया जाएगा।