- उत्पीड़न का इतिहास है प्रोफेसर की डायरी : अखिलेश यादव
दिल्ली विश्वविद्यालय के निष्कासित प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मण यादव की पुस्तक ‘प्रोफेसर की डायरी’ के अंग्रेजी संस्करण का लोकार्पण संगीत नाटक अकादमी लखनऊ के संत गाडगे ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जब मजबूर होता है तभी अपनी डायरी कुछ सार्वजनिक करता है। यह डायरी उत्पीड़न का इतिहास है। उच्च शिक्षा में पर प्रभुत्ववादियों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। यह 1000 साल का इतिहास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सांसद, कवि वयोवृद्ध समाजवादी चिंतक उदय प्रताप सिंह ने कहा कि डॉक्टर लक्ष्मण यादव ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। इनका ज़मीर जिंदा है। इसके साथ ही कहा कि अखिलेश यादव पीडीए विश्वविद्यालय के चांसलर हैं। समय आने पर न्याय होगा।
डॉक्टर लक्ष्मण यादव ने पुस्तक पर अपनी बात रखते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया जा रहा है। जो उनकी विचारधारा को नहीं मानेगा उसे बाहर कर दिया जाएगा। पहली पीढ़ी के छात्र किसी तरह विश्वविद्यालय में पढ़ पाए हैं लेकिन विश्वविद्यालय में नौकरी नहीं करने दिया जा रहा है। यह किताब विश्वविद्यालय के स्याह पक्ष को दिखाती है।लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा ने कहा कि यह पुस्तक एक सबक सिखाती है कि शिक्षा व्यवस्था में किसी एक विचारधारा के लोगों को भरा जा रहा है। संघ प्रचारक को प्रोफेसर बनाया जा रहा है।
पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने प्रोफेसर की डायरी पुस्तक के मार्मिक प्रसंग को पढ़कर बताया कि वंचित, पिछड़े और दलित तबके के साथ शिक्षा व्यवस्था में किस तरह से भेदभाव किया जाता है। आलोचक वीरेंद्र यादव ने कहा कि प्रोफेसर की डायरी शोषण का दस्तावेज है। पढ़ने के बाद विश्वविद्यालय की भयावह स्थिति का पता चलता है। प्रोफेसर रीता चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक पढ़ने के बाद लगता है कि हर एक दलित, पिछड़े प्रोफेसर की डायरी है। हम सभी लोग इस पीड़ा से गुजरे हैं। कार्यक्रम का संचालन बीबीसी की पत्रकार सर्वप्रिया सांगवान ने किया। धन्यवाद अलिंद महेश्वरी ने किया। स्वागत संबोधन दीपक कबीर ने किया। कार्यक्रम का आरंभ कबीर शास्त्रीय गायन से किया गया। इस अवसर पर लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक यादव, पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह पूजा शुक्ला, सहायक कुलसचिव आईआईटी बीएचयू डॉ. गंगेश, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र यादव, डॉ.सत्येंद्र, राधाकांत यादव, इंद्रजीत यादव, शिवकुमार शौर्य इत्यादि उपस्थित रहे।