बरेली (www.arya-tv.com) गांव के चुनाव के आरक्षण पर सियासी धुरंधरों की निगाह बनी रही, लेकिन जिला स्तरीय समिति सोमवार देर शाम तक आरक्षण जारी नहीं कर सकी। अब मंगलवार को जिले की 1193 ग्राम पंचायत, 60 जिला पंचायत और 15 ब्लॉक प्रमुखों के आरक्षण की लिस्ट जारी कर देगी। इसके साथ ही गांव के चुनाव की सरगर्मी रफ्तार पकड़ लेगी।
सोमवार को नवाबगंज, फरीदपुर, आंवला की तीन ब्लॉक की सीटें, भुता और मीरगंज में चुनावी गर्माहट तेज रही। ये सभी सीटें सियासत की निगाह से संवेदनशील होने के साथ भाजपा और सपा के उम्मीदवारों की खींचतान वाली भी है। 2015 के पंचायत चुनाव के दरम्यान भुता में सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल और बसपा के वीरेंद्र सिंह के बीच गुटों के बीच मारपीट और हंगामा हो चुका है। नाक के चुनाव में बिथरीचैनपुर के मोहनपुर में गुट आमने-सामने आ भी चुके हैं।
आंवला की तीन सीट आलमपुर जाफराबाद, मझगवां और रामनगर की सीटों पर शुरू से सपा ही कायम रही है। लेकिन सत्ता के साथ तस्वीर भी बदलती रही। यहां आलमपुर जाफराबाद की सीट पर सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल के भतीजे आदेश प्रताप ’गुड्डू’ का वर्चस्व रहा। भाजपा सरकार आने के बाद नो कॉन्फिडेंस लाकर भाजपा के पदाधिकारी बैठ गए।
नवाबगंज की ब्लॉक प्रमुख की सीट पर भी तगड़ी फाइट होनी है। यहां पूर्व ब्लॉक प्रमुख पिंटू गंगवार मैदान में है। वह विधायक केसर सिंह के भतीजे हैं। वहीं, समाजसेवी डॉ. एके गंगवार भी मैदान में ताल ठोक रहे है। फरीदपुर सीट पर सपा समर्थित रवि बाबू फिर मैदान में होंगे। इनकी बहू सीमा यादव यहां से ब्लॉक प्रमुख रही है। अभी फरीदपुर से बीजेपी का चेहरा तय नहीं है। अधिकांश सीट पर ब्लॉक प्रमुख चुनाव कांटे की टक्कर का होगा। हालांकि लोग मान रहे है कि सत्ता के साथ इस चुनाव की तस्वीर भी बदलती रही है। पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर मंगलवार को सूची जारी होनी है। सोमवार देर शाम तक इस लिस्ट पर हमारा स्टाफ काम करता रहा है।