(www.arya-tv.com) वाराणसी में BHU की छात्रा रहीं धारणा सिंह ने अपने पति मृत्युंजय सिंह के बर्थडे पर चांद पर एक एकड़ प्लॉट गिफ्ट किया है। मृत्युंजय का जन्मदिन 27 फरवरी को है, इससे पहले ही यह अनोखा गिफ्ट उन्होंने दिया है। चांद पर जमीन लेक ऑफ ड्रीम्स क्षेत्र में एलॉट की गई है, जो कि वहां का सबसे पॉश इलाका माना जाता है।
इसी जगह के आसपास रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी, बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी प्लॉट ले रखा था। वहीं वाराणसी की अपर्णा, ओडिशा के ढेंकानाल जिले के निवासी ने 38 हजार में चांद पर पांच एकड़ जमीन खरीदी है।
अभिलाष ने चांद पर जमीन गिफ्ट की
सतना में दो साल के बच्चे अव्यान काे उसके पिता अभिलाष ने चांद पर जमीन गिफ्ट की थी।मृत्युंजय काशी हिंदू विश्वविद्यालय में फॉरेंसिक साइंस के छात्र हैं। इसके पहले वह अटल और मालवीय इंक्यूबेशन के सहयोग से साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में स्टार्टअप का काम कर रहे हैं। लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने इस प्रॉपर्टी को उनके नाम से रजिस्टर्ड किया है। धारणा ने डेढ़ महीने पहले कोविड की तीसरी लहर में अप्लाई किया था। यह महज शौकिया तौर पर किया गया था। लूना सोसायटी ने अपने भेजे गए डॉक्यूमेंट में बताया है कि लुनार सेटलमेंट के तहत आपके जमीन की रजिस्ट्री की गई है।
एक एकड़ जमीन महज पांच हजार रुपए की
धारणा सिंह ने बताया कि चांद पर मिली एक एकड़ जमीन महज पांच हजार रुपए की है। मगर इसकी रजिस्ट्री कराने में काफी मशक्कत उठानी पड़ी। https://lunarregistry.com/moon-deed वेबसाइट पर जाकर बुक कर सकते हैं।
करीब डेढ़ महीने बाद यदि सारी जानकारियां तय फॉर्मेट में उपलब्ध करा दी गईं तो ही आपकी जमीन अप्रूव्ड होगी। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से पासपोर्ट और आधार कार्ड के साथ ही निवास प्रमाण पत्र के दस्तावेज अंग्रेजी में बनवाकर वेबसाइट पर अपलोड करने पड़े।
दो दिन पहले मेल आया कि आपकी प्राॅपर्टी बुक कर दी गई है। यूएसए से हार्ड कॉपी आने में 30 दिन का समय लगेगा। इसके बाद वेबसाइट पर सारी जानकारियां प्रकाशित कर दी जाएंगी। यदि आप चाहें तो उसी कंपनी को बेच भी सकते हैं। यह जमीन काफी महंगी है। भारत सरकार ने इसी कंपनी को मान्यता दी है। सभी दस्तावेज अमेरिकी मानक के अनुसार 8.5×11 इंच या 216×279 मिमी के आकार के मानक पर अपलोड किया जाना था। वहीं अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार सारी जानकारियां अंग्रेजी में दी जानी हाेती है।
आउटर स्पेस ट्रीटी पर 110 देशों का समझौता
भारत सहित 110 देशों ने 10 अक्टूबर 1967 को एक समझौता किया, जिसे आउटर स्पेस ट्रीटी कहा जाता है। इसमें चंद्रमा भी शामिल है, जो कि कॉमन हरिटेज है। इसका अर्थ यह है कि कोई भी निजी इस्तेमाल के लिए इसका प्रयोग नहीं कर सकता है।
यह पूरी मानवता के लिए होता है। इसमें हर देश खोज और अनुसंधान संबंधी काम कर सकते हैं। हालांकि चांद पर जमीन रजिस्ट्री कराने का नियम इस ट्रीटी के अंतर्गत नहीं आता है। मगर इन देशों की सरकार ने इस काम के लिए लूना सोसायटी इंटरनेशनल को मान्यता दे रखी है।