क्वालिटी टेक्निकल एजुकेशन को साकार रुप देने में AICTE करेगा सहयोग

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(www.arya-tv.com) AKTU यानी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में गुरुवार को AICTE की वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश भर के तकनीकी संस्थानों के निदेशकों की मौजूदगी में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, दिल्ली से आएं एक्सपर्ट्स ने स्टूडेंट्स व फैकल्टी के ऑल राउंड डेवलपमेन्ट पर जोर दिया गया। साथ ही प्रदेशभर के तकनीकी संस्थानों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरुप लाने पर भी मंथन हुआ। वर्कशॉप में AICTE की फाइनेंसियल व टेक्निकल सपोर्ट स्कीमों की भी जानकारी की गई। प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग ने AKTU के विश्वेश्वरैया हाल में इसका आयोजन किया।

इंस्टिट्यूट भले पीछे हो पर स्टूडेंट्स पीछे नही

कार्यशाला में शिरकत कर रहे प्रदेश सरकार के टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के सचिव आलोक कुमार ने कहां कि दक्षिण के राज्यों से तुलना करने में हमारे इंस्टिट्यूट भले पीछे हो पर स्टूडेंट्स पीछे नही है। इस बार सारे गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ने NIRF रैंकिंग में पार्टिसिपेट किया है। खुद की पहल से क्या फायदा हो रहा इसको परखने के लिए यह रैंकिंग बेहद जरुरी है। उन्होंने दावा किया कि लगभग सभी सरकारी संस्थानों पर निदेशकों की तैनाती हो चुकी है। मार्च के अंत तक या अप्रैल के शुरुआत तक सभी फैकल्टी पोजीशन भी भर जाएंगे।स्टूडेंट टीचर रेश्यो में सुधार की आवश्यकता है और इन्क्यूबेशन पर हमारा फोकस है। स्टूडेंट्स को जॉब सीकर ही नही जॉब गिवर बनाना है। जो NIRF में नही पार्टिसिपेट कर रहे है उन प्राइवेट इंस्टीट्यूट के लिए SIRF शुरु किया गया है। इंडस्ट्री मेंटर शिप पर भी हमारा जोर है। HBTU, IIT, KNIT जैसे इंस्टीट्यूट के एलुमनाई का भी सहयोग ले सकते है। बच्चों के सॉफ्ट स्किल्स पर जोर होना चाहिए, इसमें भी सुधार की जरूरत है। इसके अलावा फैकल्टी को भी खुद को अपग्रेड करने की जरूरत है, रिसर्च फैकल्टी का फोकस कम है, पेपर जो पब्लिश है उसकी क्वालिटी भी बेहतरीन होनी चाहिए।

AICTE से हमे सहयोग लेने की जरुरत

कार्यक्रम में शिरकत कर रहे तकनीकी शिक्षा विभाग ले प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि AICTE से हमे सहयोग लेने की जरुरत है। आज यह संस्था खुद चल कर यहां आई है। ऐसे में हर किसी को इससे अधिक से अधिक मार्गदर्शन लेना चाहिए।

फैकल्टी रिक्रूटमेंट में यूपी ने बड़ा मुकाम हासिल किया

AICTE के सदस्य सचिव राजीव कुमार ने बताया कि गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में फैकल्टी रिक्रूटमेंट में यूपी ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। यह बीते 2 – 3 सालों में हुआ है। समग्र शिक्षा में क्लास रुम टीचिंग पर जोर होना चाहिए। बच्चों को फैकल्टी को ऐसा स्पेस दे कि कॉलेज की एक्टिविटी के अलावा अन्य एक्टिविटी में भी भाग ले। स्टूडेंट्स को देश भर में भ्रमण का भी ऑप्शन मिलना चाहिए, जैसे अटल टनल को देखवाना चाहिए, जिससे वो इसके बनावट को देख व समझ सके पर यूपी में इसको लेकर किसी भी संस्थान में पहल नही देखी गई। एजुकेशन में सिर्फ स्कूली शिक्षा तक न सीमित रखे, एक्रेडिशन में मार्ग दर्शन व मार्ग दर्शक की टीम है, हम 5 लाख कॉलेज को फंड कर रहे है।

 600 से 700 कॉलेज को मेंटर कर रहे है

400 मेंटर्स है जो 600 से 700 कॉलेज को मेंटर कर रहे है। रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर को मेंटर बनाने के लिए उन एक्सपर्ट को मार्ग दर्शक बनाने के लिए हमे भेजे। बीते कुछ सालों में 3 लाख फैकल्टी मेंबर्स को हमने थ्रस्ट एरिया में ट्रेन किया है।अब फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम को ऑफ लाइन मोड में ले जाकर कानपुर सेंटर में कराने की तैयारी है।AICTE में इनोवेशन सेल है, जिसमे हम पेटेंट फ़ाइल करने के अलावा उन्हें फाइनेंसियल सपोर्ट भी दे रहे है।अब तक बच्चियों को स्कॉलरशिप सिर्फ साउथ में दी जाती थी। अब हमने कोटा फिक्स कर दिया, इसमें 1500 स्कॉलरशिप यूपी के हिस्से में आई। इसमें हर साल 50 हजार की हेल्प दी जाती है। सभी स्टूडेंट्स के लिए AICTE की बहुत अच्छी स्कीमें है। इसके अलावा गवर्नमेंट कॉलेज में हॉस्टल बनाने के लिए भी फंड AICTE देता है।