मथुरा में बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त ने की ई बस की सवारी

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(www.arya-tv.com)मथुरा वृंदावन नगर निगम शहर में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए ई बस चला रहा है। करीब एक महीने से चल रही यह बसें दिनभर सड़कों पर दौड़ने के बावजूद भी यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पा रही। इन बसों में मुसाफिर यात्रा कर सकें इसके लिए गुरुवार को उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त ने प्रेरित करने के उद्देश्य से ई बस में सफर किया।

 जन्मस्थान से लेकर वृंदावन तक का सफर किया

मथुरा वृंदावन नगर निगम परिवहन विभाग के साथ मिलकर शहर की सड़कों पर 12 ई बस चला रहा है। इन बसों में मुसाफिर के यात्रा करने के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से गुरुवार को बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र, नगर आयुक्त अनुनय झा और ए आर एम नरेश गुप्ता ने श्री कृष्ण जन्मस्थान से लेकर वृंदावन तक का सफर किया।

18 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक 4 बसें चली

नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा इस योजना की शुरुआत 4 जनवरी को लखनऊ में मुख्यमंत्री ने बसों को हरी झंडी दिखाकर शुरू की। इसके बाद मथुरा वृंदावन में बस चलने की शुरुआत 18 जनवरी से हुई। 18 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक 4 बसें चली उसके बाद 25 जनवरी से 7 फरवरी तक इनकी संख्या बढ़कर 6 हुई। 8 फरवरी से अभी तक 12 बसें 4 रुट पर चल रही हैं।

बसों में यह है सुविधा

मथुरा वृंदावन शहर के लिए 50 बस दी गई हैं। इनमें से 12 बस मथुरा आ चुकी हैं। इन इलेक्ट्रिक वातानुकूलित लो फ्लोर बसों में स्टौपेज बताने वाली एलईडी, 5 सीसीटीवी कैमरे, दिव्यांग यात्रियों के लिए रैंप, पैनिक अलार्म, न्यूमटिक दरवाजे, 28 सीट , मोबाइल चार्जर पॉइंट लगे हैं। वर्तमान में 4 बस वृंदावन से राया, 4 बस वृंदावन से रिफाइनरी, 3 बस वृंदावन से प्रेम मंदिर होते हुए भूतेश्वर तक व एक बस वृंदावन से जन्मभूमि के लिए चलाई जा रही है।

यात्रियों की संख्या न के बराबर है

नगर विकास विभाग ने ई बस चलाकर यात्रियों को भले ही सौगात दे दी हो। लेकिन वर्तमान में देखा जा रहा है इन बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या न के बराबर है। जबकि अनधिकृत रूप से चलने वाले टैंपो में सवारियां ओवरलोड चल रही हैं। बेधड़क मथुरा से वृंदावन के बीच प्रतिदिन सैकड़ों टेम्पो दौड़ते हैं। वहीं इन बसों का रख रखाब भी एक बड़ी चुनौती होगा। 2009 में शुरू हुई जेनर्म योजना के तहत मिली 60 बस में से 30 देखभाल और रख रखाब के अभाव में कंडम हो गईं। फिलहाल जो जेनर्म कि बस चल रही हैं वह भी बदहाल स्थिति में हैं।