वैक्सीन लगवाने को भटक रहे लोग:सरकारी में ऑर्डर के बाद भी सप्लाई नहीं

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(www.arya-tv.com) कोरोना अलर्ट के बाद से शहरियों में बूस्टर डोज के लिए होड़ मची है, लेकिन अब फ्री में बूस्टर डोज सिर्फ कोवैक्सीन की बची है। ऐसे में शहरियों को वैक्सीनेशन काउंटरों से लौटना पड़ रहा है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के स्टाक में कोविशील्ड जीरो हो गई।

अब निजी अस्पताल संचालकों ने 10 हजार डोज मंगाने का आर्डर दिया है। निजी अस्पतालों में कोविशील्ड की बूस्टर डोज के लिए 780 रुपये केन्द्र सरकार ने तय कर दिए हैं।

निजी अस्पतालों ने 10 हजार डोज के ऑर्डर दिए
स्वास्थ्य विभाग के पास स्टाक नहीं है जबकि शहर में 28 लाख लोगों ने कोविशील्ड की ही दोनों डोज लगा रखी है। ऐसे में विभाग के सेन्टरों में फिलहाल कोविशील्ड का वैक्सीनेशन अधर में है, जिसका फायदा निजी अस्पताल लेना चाह रहे हैं। इसलिए शहर के पांच बडे़ निजी अस्पतालों ने कोविशील्ड के दस हजार डोज के आर्डर दे दिए हैं और रविवार से बूस्टर का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जाएगा।

सिर्फ कोवैक्सीन की ही डोज बची
कोवैक्सीन खत्म करने को सेंटर बढ़ाए स्वास्थ्य विभाग के पास कोवैक्सीन की 4 हजार डोज बची हैं। जिसे खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उर्सला, कल्याणपुर सीएचसी, गांधीग्राम, कैंट अस्पताल के बाद किदवई नगर, गीता नगर, हुमायुंबाग, गुजैनी सेन्टर भी बढ़ा दिए हैं।

बूस्टर डोज लगवाने की बढ़ी डिमांड
एसीएमओ डॉ. एके कनौजिया ने बताया कि सेंटरों पर अब लोग बूस्टर लगवाने के लिए आ रहे हैं लेकिन सिर्फ कोवैक्सीन ही है। जब स्टाक तब बहुत कम लोग बूस्टर लगवाने आ रहे थे। पोर्टल पर डिमांड भेजी जा रही है पर अभी तक कोई भी डोज नहीं मिली है।

कोरोना के खतरे के बाद मेडिकल स्टोर्स पर भीड़
कानपुर में कोरोना की सुरक्षा सामग्रियों का बाजार गरमाने लगा है। तीन दिन में दवा कारोबारियों के पास कई गुना मांग बढ़ गई है। कारोबारियों ने सेनेटाइजर, मास्क, दस्ताना, पल्स ऑक्सीमीटर, विटामिन सी टेबलेट के एक करोड़ के ऑर्डर दे दिए हैं।

फुटकर व्यापार मंडल के महामंत्री प्रवीण बाजपेई के मुताबिक लोग कोविड की सुरक्षा सामग्री की मांग करने लगे हैं इसलिए शहर के चार हजार मेडिकल स्टोर संचालकों ने ऑर्डर देने का काम शुरू कर दिया है।

अब तक शहर में हुआ वैक्सीनेशन
-4.6 लाख लोगों ने सेकेंड डोज नहीं लगवाई
-15-18 वर्ष के बच्चों में 3.21 लाख के लक्ष्य में 25 हजार ने नहीं लगवाई
-60 से ऊपर में 4.35 लाख के लक्ष्य में 27 हजार ने नहीं लगवाई
-12-14 साल के बीच 1.94 लाख के लक्ष्य में 34 हजार ने दूसरी डोज नहीं लगवाई
-31 लाख को कानपुर में लगवानी चाहिए थी