म्यांमार में नहीं थम रही सेना की क्रूरता: अब तक 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत

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(www.arya-tv.com)म्यांमार में 1 फरवरी से हुए तख्तापलट के बाद से पूरा देश सेना के कब्जे में है। इसी सैन्य शासन के खिलाफ म्यांमार में विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां प्रदर्शनकारी एक तरफ देश में लोकतंत्र बहाल करने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं सेना की तरफ से दमन की कार्रवाई जारी है। अबतक 2,981 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, अब तक कुल 320 लोगों की जान जा चुकी है। यह जानकारी असिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिसनर (AAPP) ने दी है।

AAPP के मुताबिक, गुरूवार को 9 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह कार्रवाई सेना ने यंगून के थिंगांग्युन, सैगिंग रिजन के खिन-यू टाउन, काचिन राज्य के मोहनीन टाउन, शान राज्य के तांगुंगी शहर में की है। इससे पहले बुधवार को 23 लोगों की मौत हो गई थी।

सेना ने 24 प्रदर्शनकारियों को अपराधी ठहराया
हाल में ही गिरफ्तार किए प्रदर्शनकारियों में से 24 को अपराधी ठहराया है। साथ ही 109 लोगों पर गिरफ्तारी और फरार होने का आरोप है। गुरुवार को कई शहरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए। कई प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की खबर सामने आई।

16 साल के बच्चे की हत्या
AAPP के मुताबिक, मंडल्य शहर में एक 16 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई। वहीं, कुछ लोग घायल हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को मंडल्य शहर में ही सेना ने 7 साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अबतक हुई मौतों में बच्ची की उम्र सबसे कम है।

यूरोपियन यूनियन और USA ने सैन्य कार्रवाई की निंदा की
म्यांमार में हो रही हिंसा पर अब अमेरिका ने भी नाराजगी जाहिर की है। यूरोपियन यूनियन के नेतृत्व में अमेरिका ने ह्यूमन राईट काउंसिल की 46वें सेशन में एक प्रस्ताव रखा है। इसमें म्यांमार में चल रही सैन्य कार्रवाई की निंदा की गई है। साथ ही मांग की गई है कि म्यांमार की सेना जल्द से जल्द लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई नेता को रिहा करे। ट्रेजरी और स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, गुरुवार को USA ने UK के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए म्यांमार पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले यूरोपियन यूनियन ने 11 लोगों पर प्रतिबंध लगाया है। यह सभी म्यांमार में सैन्य शासन के जिम्मेदार हैं।

सेना ने 628 प्रदर्शनकारियों को रिहा किया
इससे पहले गुरुवार को तख्तापलट के विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए 628 प्रदर्शनकारियों को सेना ने रिहा कर दिया है। इन सभी को पिछले महीने सेना ने पकड़कर जेल में डाल दिया था। रिहा किए प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा हैं। रिहा होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने तीन उंगलियां भी दिखाई थी, जो सेना के विरोध का प्रतीक बन चुका है।

तख्तापलट क्यों?
दरअसल, पिछले साल नवंबर में म्यांमार में आम चुनाव हुए थे। इनमें आंग सान सू की पार्टी ने दोनों सदनों में 396 सीटें जीती थीं। उनकी पार्टी ने लोअर हाउस की 330 में से 258 और अपर हाउस की 168 में से 138 सीटें जीतीं। म्यांमार की मुख्य विपक्षी पार्टी यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी ने दोनों सदनों में मात्र 33 सीटें ही जीतीं। इस पार्टी को सेना का समर्थन हासिल था। इस पार्टी के नेता थान हिते हैं, जो सेना में ब्रिगेडियर जनरल रह चुके हैं।