आगरा में घर में घुसकर छेड़छाड़, आरोपित को तीन साल कारावास की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

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आगरा (www.arya-tv.com) ताजगंज में छह साल पहले महिला द्वारा दरवाजे पर जुआ खेलने का विरोध करने पर घर में घुसकर छेड़छाड़ के दोषी को अदालत ने तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही साढ़े सात हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।

घटना 11 मार्च 2015 की है। ताजगंज इलाके की रहने वाली महिला अपने घर पर अकेली थी। पति और देवर बाहर गए हुए थे। महिला के घर के बाहर कुछ असामाजिक तत्व जुआ खेल रहे थे। नशे की हालत में एक दूसरे से गाली-गलौज कर रहे थे। महिला ने घर के बाहर आकर विरोध किया। जिस पर आरोपित सचिन व उसके नाबालिग साथी ने गाली-गलौज शुरू कर दी। घर में घुसकर उसे दबोच लिया, अश्लील हरकतें की।

महिला की चीख-पुकार सुनकर उसके पति व देवर वहां पहुंच गए। आरोपितों ने उनके साथ मारपीट कर दी। साथ ही महिला को घर से बाहर खींचकर जान से मारने की धमकी देने लगे। ग्रामीणों को एकत्रित होता देखकर आरोपित वहां से भाग गए। मामले में एक आरोपित के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड प्रेषित कर दी गई। वहीं, आरोपित सचिन को दोषी पाते हुए अपर जिला जज लोकेश नागर ने तीन साल कारावास की सजा व साढ़े सात हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी योगेश बघेल ने की।

दुष्कर्म के प्रयास का आरोपित बरी

मारपीट व दुष्कर्म के आरोपित को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। घटना 19 फरवरी 2007 की है। पिढौरा थाना क्षेत्र निवासी महिला शौच के लिए खेत पर गई थी। महिला को वहां पर हथियारों के बल पर तीन आरोपितों ने दबोच लिया। उससे मारपीट, छेड़छाड़ व दुष्कर्म का प्रयास किया गया। शोर मचाने पर ग्रामीणों के पहुंचने पर आरोपित भाग गए।

मामले में महिला के पति द्वारा राकेश, सर्वेश और रामनिवास के खिलाफ अदालत में मुकदमा प्रस्तुत किया गया था। अदालत ने तीनों को तलब किया था। मुकदमे के दौरान एक आरोपित सर्वेश की मौत हो गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयानों में विरोधाभाष के चलते साक्ष्य के अभाव में अदालत ने आरोपितों को बरी करने के आदेश किए।