“भाभी जी घर पर हैं” धारावाहिक के मनमोहन तिवारी ने विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र दिया

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(www.arya-tv.com)”बिना डरे आगे बढ़े, जो सोचा है उसको हासिल करने के लिए मेहनत करे, सफलता यकीनन मिलेगी”, पर्दे पर अपने किरदार से गुदगुदाने वाले “भाभी जी घर पर हैं” धारावाहिक के मनमोहन तिवारी ने विद्यार्थियों के बीच अपने जीवन से जुड़े कुछ अहम किस्से साझा किए और उन्हें सफलता पाने का मूल मंत्र भी दिया। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में मशहूर कलाकार रोहिताश्व गौर उर्फ “तिवारी जी” और उनकी पत्नी डॉ. रेखा गौर का आगमन हुआ। गौर ने अपने जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को विद्यार्थियों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था मगर पढ़ाई में निल बटा सन्नाटा रहे। नौसीखिए की तरह स्कूल से ही अभिनय की शुरुआत की और एनएसडी में दाखिले के बाद एक पेशेवर की तरफ अभिनय के क्षेत्र में करियर की शुरुआत हुई।

अपनी जीवन संगिनी डॉ. रेखा गौर से भी इस दौरान एक नाटक “बड़े न खेले छोटे खेल” के माध्यम से मुलाकात हुई। तिवारी जी और भभूति जी के दिल फेंक किरदार पर भी उन्होंने चर्चा की और कहा कि हंसी और संघर्ष दोनों का ही जीवन में महत्व है। भाभियों के प्रति ज्यादा मुहब्बत रखने वाले इन दोनों किरदारों को समाज ने पसंद किया, उस किरदार के नाम पर पहचाने जाना ही किसी अभिनेता की सफलता है। 2000 एपिसोड पूरे कर चुके इस धारावाहिक को लोगों ने काफी सराहा। अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने तिवारी जी किरदार कुछ संवादों को भी मंच पर अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया। उनकी बातों ने विद्यार्थियों को खूब हंसाया और साथ ही बहुत कुछ सिखाया भी।

विवि द्वारा कुलपति आचार्य संजय सिंह के मार्गदर्शन में विवि के भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में एक विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि एक कलाकार के रील और रियल लाइफ के पहलुओं और उसमें आने वाले उतार चढ़ाव को जानने और उससे सीखने का मौका विद्यार्थियों को प्राप्त हुआ। रोहिताश्व गौर और उनकी पत्नी डॉ. रेखा गौर की विवि में उपस्थित ने विद्यार्थियों में काफी उत्साहित किया है।

डॉ. रेखा गौर ने ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन, शिमला, के बारे में बताया कि जिसे रोहिताश्व गौर के पिता ने शुरू किया था। डॉ. रेखा ने इस अवसर पर पति रोहिताश्व गौर के साथ अपने जीवन से जुड़े पहलुओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि सफलता के सही मायने तब हैं जब लोग आपको मुस्कुराहट के साथ याद करे।

प्रो. के. एल. महावर, विवि आयोजन समिति के अध्यक्ष, ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 सूफिया अहमद ने किया। अंत मे कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 सुनील बाबू ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विवि के शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।