आज से कर सकते हैं मांगलिक कार्यक्रम, जानिए किन कारणों से लगी थी चार माह से रोक

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com) चार महीने से बंद पड़े मांगलिक कार्य भगवान विष्णु के जगने के साथ ही सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इससे हर ओर उत्साह छा जाएगा और शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रमों की धूम मच जाएगी। देवोत्थान एकादशी को मनाने की पूरी तैयारी जिले में है। लोग पूजन के लिए गन्ना खरीद रहे हैं। देसी व हाईब्रिड दोनों तरह के गन्ने बिक रहे हैं। श्रद्धालु सालिकराम और तुलसी का विवाह कराते हैं। घर-घर एकादशी का व्रत होता है। गन्ने का भी पूजन किया जाता है। हड़ा-हड़ैया की परंपरा निभाई जाती है।

देवोत्‍थान एकादशी का महात्‍म्‍य बताया
देवोत्थान एकादशी के बारे में प्रतापगढ़ के पं. बैजनाथ मिश्रा बताते हैं कि एकादशी का व्रत 15 नवंबर यानी आज है। उन्‍हाेंने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु का पूजन और ब्राह्मणों को दान आदि करना चाहिए। इससे लक्ष्मी नारायण की कृपा सदैव बनी रहती है। इसके साथ तिलक, विवाह, गोद भराई, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक आयोजन 15 से ही शुरू हो जाएंगे।

दीपों से जगमगाएगा गंगा घाट
प्रतापगढ़ में विकास खंड कालाकांकर के गंगा घाट पर सोमवार को एकादशी के दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मुरस्सापुर ग्राम प्रधान सुरेश यादव ने बताया कि गंगा घाट को फूलमालाओं से सजाया जाएगा। देर शाम 51 सौ दीप दान का 9वां उत्सव मनाया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।

मनाई गई आंवला नवमी
प्रतापगढ़ जिले में आंवला नवमी मनाई गई। सच्चा बाबा आश्रम चिलबिला में आंवले के पेड़ व फल का पूजन किया गया। पेड़ के नीचे प्रसाद बनाया व खिलाया गया। इस मौके पर महंत मनोज ब्रह्मचारी ने कहा कि अपने गुणों के कारण आंवला अमृत फल माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इसका सेवन नवमी पर पूजन के बाद किया जाना चाहिए।