लखनऊ: KGMU में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रदर्शन से मरीज बेहाल, जमकर मचा हंगामा

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के प्रदर्शन से हाहाकार मच गया है। केजीएमयू में आउटसोर्सिंग के जरिये काम करने वाले कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार हंगामा कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि हमारी सैलरी समय पर नहीं मिलती।

साथ ही सैलरी में से पैसे भी काटे जाने का आरोप लगाया है। एक कर्मचारी ने कहा कि हम लोग आउटसोर्सिंग कर्मचारी नहीं बल्कि आउट शोषण कर्मचारी है। वहीं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन के कारण दूर-दराज से आने वाले मरीज और केजीएमयू में भर्ती मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ट्रामा सेंटर पर कर्मचारियों का प्रदर्शन, मरीज बेहाल

दरअसल बुधवार को केजीएमयू में आउटसोर्सिंग के जरिये काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर ऑफिस से निकल-निकल केजीएमयू परिसर में एकत्रित हो गए, और जमकर हंगामा करने लगे। नाराज कर्मचारियों ने कामकाज ठप्प करके ट्रामा सेंटर का दरवाजा बंद कर दिया। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीजो को तक्लीफ भी सहनी पड़ी।

इस दौरान कुछ मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ने की भी बात कही जा रही है। कर्मचारियों ने लारी कॉर्डियोलॉजी की भी ओपीडी बंद कर दी थी। वहीं आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे एक कर्मी ने बताया कि वो 2016 से काम कर रहे है लेकिन इतने सालों में एक बार भी सैलरी नहीं बढ़ी। उसके बावजूद उस सैलरी में से भी पैसा काटने पर तुले है।

कर्मचारी बोले- हम प्लास्टिक के आदमी नहीं

कर्मचारी ने कहा कि रविवार के पैसे काटने की कोशिश की जा रही है। अगर सन्डे के भी पैसे काटें जाएंगे तो कैसे काम चलेगा। क्या हम प्लास्टिक के आदमी है बीमार नहीं पड़ सकते है। कर्मचारी ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए

कहा कि इन 8 सालों में भले ही 8 रुपए सैलरी नहीं बढ़ी हो लेकिन महंगाई कहा से कहा पहुंच गई है। इन 8 सालों में परिवार भी बढ़ गया है। पत्नी और दो-दो बच्चे हो गए है। हाल ये है कि बच्चों को फीस भी समय पर जमा नहीं हो पाती है। अगर हमारे मां-बाप बीमार पड़ जाए तो खर्चा कैसे चलाएंगे।

केजीएमयू में हजारों की संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मचारी

कर्मचारी ने आगे बताया कि अगर 15-16 हजार सैलरी में 4 हजार रुपए काट लेंगे तो कैसे बीमार मां-बाप की दवाई लाएंगे, और कैसे बच्चों के कपड़े व उनकी फीस जमा करेंगे। पीड़ित ने बताया कि कुछ जभी कर्मचारी है जिनकी 7, 8 हजार रुपए सैलरी आई है। इतने में कोई कैसे रोटी खाएगा। उसने कहा कि कम से कम दो वक्त की रोटी का पैसा तो मिलना चाहिए।

इसके साथ ही एक कर्मचारी ने कहा कि हो सकता है इस प्रदर्शन के बाद हम लोगों को निकाल दिया जाए। उसने कहा कि ब्रिटिश गवर्मेंट की तरह यह आउटसोर्सिंग दी है, अगर आपकी इच्छा है तो इंडिया में रहिए अन्यथा जहर खाकर मर जाइए। केजीएमयू में हजारों की संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम कर रहा है।

लेट सैलरी और तनख्वाह में कटौती से परेशान कर्मी

वहीं एक कर्मचारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि सैलरी मिलने की 10 तारीख डेट है लेकिन आज जाकर कुछ लोगों की सैलरी आई है। उसमें भी किसी का 2 हजार तो किसी का ढाई हजार रुपया काटा गया है। उसने बताया कि क्यूनमेरी विभाग में आउटसोर्सिंग में काम कर रहे कर्मचारियों को धमकी दी गई है कि जो कर्मचारी धरने में शामिल होगा, उसे टर्मिनेट कर दिया जाएगा।

उसने कहा कि हम 2015 से देख रहे है जिसने भी अपने हक की आवाज उठाई है उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं वार्ड-ब्वाय और स्वीपर पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि हम लोगों को 10 हजार रुपये सैलरी मिलती है लेकिन उसमें भी कटौती हो रही है। 10 हजार में से 2 हजार रुपए काट लिए गए है।

5-5 हजार रूपए तक काटे जाने का आरोप

वहीं महिला कर्मचारी ने बताया कि हम लोगों का शोषण किया जा रहा है। कंपनी द्वारा निर्धारित डेट पर सैलरी नहीं आती है। जब सैलरी आती है तो बहुत सारी चीजों की कटौती की जाती है। उसने बताया कि हमारी सैलरी और पीएफ पर जीएसटी काटा जाता है। हम लोगों को कोई छुट्टी नहीं मिलती है। आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारी ने कहा कि वीक ऑफ की भी सैलरी काटी जा रही है।

इसको लेकर कई बार अधिकारियों से बात की लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। इसी को लेकर आज हम लोग अपनी गुहार लगा रहे हैं। अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा। महिला कर्मचारी ने बताया कि इस बार 5-5 हजार रुपए सैलरी से काट लिए गए हैं।