लालू यादव ने किया रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग, दुविधा में पड़े विपक्षी

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(www.arya-tv.com) लालू प्रसाद यादव ने फिर एक बार अपनी सियासी चाल चल दी है और BJP इसमें उलझती दिख रही है। मामला दिवंगत नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न देने से जुड़ा है। उन्होंने पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर यह मांग रखकर अपने विरोधियों को मुश्किल में डाल दिया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब अगर उन्हें भारत रत्न मिला तो इसका पूरा क्रेडिट लालू ले जाएंगे। अगर नहीं मिला तो BJP का गेम बिगड़ेगा।

ऐसा नहीं है कि यह मांग पहले नहीं उठी है। इससे पहले HAM सुप्रीमो जीतन राम मांझी और VIP सुप्रीमो नेता मुकेश सहनी ने भी यह मांग की थी, लेकिन अब जब लालू ने इस मांग को अपनी आवाज दे दी है तो मामला BJP के लिए थोड़ा कठिन हो चला है।

यही वजह है भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता इस मामले पर ज्यादा कुछ खुलकर नहीं बोल रहें। प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक कहते हैं- ‘दलित समाज के उत्थान में रामविलास पासवान का बड़ा योगदान रहा है। जहां तक भारत रत्न देने की बात है वो केन्द्र सरकार के अधीन है और समय आने पर केन्द्र सरकार इस पर फैसला लेगी।’

LJP को लेकर दोतरफा खेल है BJP का
LJP के मामले को देखें तो भाजपा दो तरफा खेल, खेल रही है। पशुपति पारस के हिस्से आई LJP (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) को NDA का हिस्सा बता रही भाजपा, चिराग पासवान के साथ हर उस आयोजन में खड़ी दिखती है जो रामविलास से जुड़ा होता है। मतलब भाजपा ने भले ही पारस को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया हों, लेकिन वो चिराग से भी अपने रिश्ते बनाये रखना चाहती है। वजह यह माना जा रहा है कि पशुपति पारस के पास पार्टी है, तो चिराग के पास वोट।

BJP को पर्दे से बाहर लाने की कोशिश में लगे हैं लालू
इस खेल को बखूबी समझ रहे लालू प्रसाद यादव, BJP को पर्दे से बाहर लाने की कोशिश में लगे हैं। यही वजह है कि कभी वो चिराग को आशीर्वाद देते हैं तो कभी बीमार होने के बावजूद उनके बुलावे पर घर चले जाते हैं। चिराग को लेकर लालू और BJP के बीच एक अजीब सा खेल दिखता है। इस खेल में दोनों न चिराग पासवान के साथ हैं और ना उनके खिलाफ। असल में ये पूरा मामला वोट के नफा नुकसान का है।