डिप्टी सीएम का रिश्तेदार बनकर छह बेरोजगारों से ठग लिए लाखों रुपए

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(www.arya-tv.com)डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का रिश्तेदार बनकर जालसाज ने बेरोजगारों से लाखों रुपए ठग लिए। पीड़ितों ने डीजीपी मुकुल गोयल से मिल कर शिकायत की। उनके निर्देश पर गौतमपल्ली कोतवाली में तीन जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

डिप्टी cm के आवास पर मिले जालसाज

हरदोई निवासी धर्मवीर सिंह बरेली पुलिस लाइन में कुक था। काम मे लापरवाही की वजह से उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी बहाल कराने की सिफारिश के लिए धर्मवीर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के आवास पर गया था। यहां स्वागत कक्ष में उसकी मुलाकात राम नारायण कुशवाहा निवासी मौरावां उन्नाव से हुई जो कृष्णानगर के सिंधु नगर मोहल्ले में रहता है। बातचीत के दौरान राम नारायण ने डिप्टी सीएम का रिश्तेदार होने का दावा किया। धर्मवीर से उसकी बात सुनने के बाद राम नारायण ने नौकरी दूसरे विभाग में लगवाने की बात कही। आरोपी ने धर्मवीर से कहा कि जल्द ही राजस्व विभाग में नियुक्तियां आने वाली हैं। चिंता मत करिए मैं आपकी नौकरी लगवा दूंगा। आरोपी ने धर्मवीर से उसके अलावा दूसरों की भी नौकरी लगवाने के लिए कहा था। डिप्टी सीएम का रिश्तेदार समझ कर धर्मवीर उसके झांसे में आ गए। राजस्व विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी के लिए राम नारायण ने धर्मवीर की मुलाकात धर्मराज नाम के व्यक्ति से कराई थी। धर्मराज ने भी डिप्टी सीएम का रिश्तेदार होने का दावा किया था।

 दिए राजस्व और रेलवे विभाग के जाली नियुक्ति पत्र

धर्मवीर ने सराकारी नौकरी मिलने की बात रिश्तेदारों को बताई थी। जिसे सुन कर धर्मवीर के साले महेंद्र पाल, संतोष कुमार, भांजे और दोस्तों ने भी हामी भर दी। राम नारायण ने छह लोगों की नियुक्ति के लिए छह लाख रुपये का खर्च बताया। उसने दावा किया था कि राजस्व विभाग के अलावा रेलवे में भी नौकरी लग जाएगी। रुपये लेने के बाद आरोपी ने सभी को नियुक्ति पत्र थमाए थे। धर्मवीर का दोस्त राशिद नियुक्ति पत्र लेकर दिल्ली रेलवे दफ्तर पहुंचा तो पता चला कि वह जाली है।

डीजीपी से मुलाकात कर घटना की जानकारी दी

पीड़ित के मुताबिक पड़ताल करने पर पता चला कि राम नारायण और धर्मराज का डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से कोई संबंध नहीं है। यह लोग उनका नाम इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करते हैं। ठगों की हकीकत खुलने पर धर्मवीर ने रुपये लौटाने के लिए कहा था। जिसे आरोपी वापस नहीं कर रहे थे। इंस्पेक्टर गौतमपल्ली दिनेश सिंह बिष्ट के अनुसार धर्मवीर ने डीजीपी से मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। DGP के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।