Indian Team: रोहित सेना बनेगी विश्व विजेता, टीम की कमजोरियां बनी ब्रह्मास्त्र

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(www.arya-tv.com) तूफान किसे कहते हैं… यह फिलहाल टीम इंडिया को देखने पर हर सूरमा टीम को महसूस हो रहा है। एक-दो नहीं, लगातार 8 जीत के बाद रोहित सेना बिल्कुल सिकंदर की तरह सीना ताने सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है तो विश्व विजेता बनने से सिर्फ 2 कदम (सेमीफाइनल और फाइनल) दूर है। हर पैंतरा सटीक बैठ रहा है तो हर खिलाड़ी गजब का प्रदर्शन कर रहा है। पिछले दो महीने में सबकुछ बदल चुका है। टीम की जो कमजोरियां थीं, वही ब्रह्मास्त्र बन चुकी है। कहने को तो दुनिया कह रही है कि भारत को विश्व विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन फिर भी इस सपने को साकार करने के लिए रोहित शर्मा की टीम को अभी भी 2 नॉकआउट मैचों में हर हाल में जीत चाहिए। आइए समझते हैं क्यों वो दोनों मैच जीतने में भारत सक्षम है…

रोहित शर्मा टी-20 वर्ल्ड कप-2022 में कई बार मैदान पर गुस्सा होते नजर आए। यह उनकी छवि के विपरीत थी। वह कूल एंड कंपोज कप्तान माने जाते हैं, लेकिन वह पूरे टूर्नामेंट में अतिरिक्त दबाव में दिखाई दिए। हालांकि, इस बार वह असली रोहित नजर आ रहे हैं। उनकी विपक्षी टीम के लिए रणनीति और मैदान पर पॉजिटिव अप्रोच ने काफी कुछ बदल दिया है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में भी वह लगातार मैदान पर मेसेज भिजवाते दिखे, जिसकी हर कोई तारीफ करते दिखा। कोहली ने भी बताया कि टीम की रणनीति थी कि वह मैदान पर टिकें, जबकि दूसरा बल्लेबाज शॉट खेले। रोहित ऐसे ही कप्तान माने जाते हैं। गेंदबाजों का कप्तान, खिलाड़ियों का कप्तान।

आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद टीम में काफी कुछ बदल गया है। केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, जसप्रीत बुमराह की वापसी से टीम जहां मजबूत दिख रही है तो हर खिलाड़ी मैदान पर परफॉर्म भी कर रहा है। हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी के बिना लगातार आसान जीत बताती है कि इस टीम में अब कोई कमी नहीं है। जरूरत सिर्फ हर खिलाड़ी के इसी तरह परफॉर्म करने की है। बुमराह, सिराज और शमी की पेस बैटरी कमाल है तो दूसरी ओर कुलदीप और जडेजा स्पिन में मोर्चा संभाले हुए हैं।

टीम इंडिया के लिए एक और X फैक्टर यह है कि टूर्नामेंट भारत में हो रहा है। चारों तरफ उसके अपने ही लोग हैं। स्टेडियम में जनसैलाब उमड़ रहा है। हर शॉट, कैच और विकेट पर ‘जितेगा भारत’, विराट-विराट, रोहित-रोहित, बूम-बूम बुमराह, शमी… का शोर विपक्षी टीम को दहलाने के लिए काफी है। देखा जाए तो फैंस इस वक्त 12th प्लेयर की भूमिका में हैं। ऐसा कोई मैदान नहीं है, जिस पर टीम इंडिया का कोई खिलाड़ी खेला हो। कुल मिलाकर टीम इंडिया को विपक्षी टीम पर कई गुना मानसिक बढ़त हासिल है।

रोहित शर्मा ओपनिंग करने के लिए मैदान पर उतरते हैं तो उनकी कोशिश पहली गेंद से विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की होती है। हमने देखा कि किस तरह से उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शाहीन अफरीदी, हारिस रऊफ, साउथ अफ्रीका के खिलाफ मार्को यानसेन, लुंगी एंगिडी पर हमला बोलते हुए हौसले पस्त कर दिए। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पारी को कौन भूल सकता है। उनके अलावा गिल, कोहली, अय्यर और केएल राहुल का भी यही अंदाज रहा है। देखा जाए तो टीम इंडिया शुरुआती 10 ओवरों में ही विध्वंसक बैटिंग से मैच का रुख तय कर रही है।

भारतीय जूनियर टीम राहुल द्रविड़ की कोचिंग में विश्व विजेता बनी थी। शुभमन गिल उस टीम का हिस्सा थे। राहुल द्रविड़ बहुत फोकस्ड खिलाड़ी रहे हैं। उनकी प्रोसेस धीमी हो सकती है, लेकिन लक्ष्य से भटकते नहीं हैं। वह टीम को एक ट्रैक पर लाने के बाद अब विश्व विजेता बनने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने विश्व कप से ठीक पहले टीम की फिटनेस से लेकर दिनचर्या को लेकर भी प्लानिंग की। अब उसका रिजल्ट देखने को मिल रहा है। अब भारतीय क्रिकेट फैंस यही चाहेंगे कि 2003 विश्व कप या 2019 विश्व कप की तरह कोई एक बुरा दिन न आए और टीम इंडिया को रोक ले, वर्ना फिलहाल तो जितने भी सूरमा टूर्नामेंट में हैं सभी हथियार डाल चुके हैं।