(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शुक्रवार को सुबह 11 बजे हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अल-कादिर ट्रस्ट गबन मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया था। इसके बाद फौरन रिहाई का आदेश दिया और कहा था कि बेल के लिए हाईकोर्ट में अपील करें।
सुनवाई के बाद इमरान इस्लामाबाद के श्रीनगर हाईवे से जनता को संबोधित करेंगे। खान की रिहाई के बाद जमान पार्क सहित देशभर में उनके समर्थकों ने जश्न मनाया। इमरान की पहली पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ ने भी ट्विटर पर खुशी जाहिर की।
सुप्रीम कोर्ट के रिहा करने के बाद पूर्व पीएम को पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में ले जाया गया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने खान की घर जाने की अपील को खारिज कर दिया था और कहा था कि इस दौरान उनसे कैदी की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा। इमरान के साथ उनके 10 समर्थकों को रहने की भी इजाजत दी गई है। इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान इमरान ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की भी अपील की थी।
पहले समझिए… इमरान की गिरफ्तारी और रिहाई कैसे हुई
- इमरान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के वारंट पर पैरामिलिट्री फोर्स ने गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को कानूनन सही ठहराते हुए NAB को 8 दिन के फिजिकल रिमांड पर सौंप दिया।
- खान की गिरफ्तारी अल कादिर ट्रस्ट स्कैम में की गई थी। सरकार का आरोप है कि यह 60 अरब पाकिस्तानी रुपए का घोटाला है। इनमें से 40 अरब तो ब्रिटिश सरकार ने पाकिस्तान को दिए थे। इमरान तब प्रधानमंत्री थे, उन्होंने कैबिनेट से भी इस मामले को छिपा लिया था।
- गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में समर्थकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकारी कार्यालयों, सेना के ऑफिस समेत कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई। सुरक्षाबलों के साथ झड़प में 8 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।
- बुधवार शाम खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने सुप्रीम में गिरफ्तारी के खिलाफ पिटीशन दायर की। चीफ जस्टिस ने एक घंटे में खान को पेश करने का हुक्म दिया। जब वो पेश हुए तो 7 मिनट में रिहाई का आदेश दिया।
पीटीआई की अपील के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल ने गुरुवार शाम को इमरान को फौरन रिहा करने के आदेश दिए। चीफ जस्टिस बांदियाल ने कहा कि हाई कोर्ट परिसर से की गई गिरफ्तारी न्यायपालिका के इतिहास का सबसे अपमानजनक वाकया है। उन्होंने कहा कि इमरान की गैरकानूनी गिरफ्तारी के बाद जिस प्रकार से उपद्रव हुआ वो ठीक नहीं है। हम देश में शांति बहाली चाहते हैं।
खान के अदालत पहुंचने पर चीफ जस्टिस ने इमरान से हालचाल पूछा। इस पर खान ने कहा- मुझे गिरफ्तार नहीं, अगवा किया गया था। कस्टडी में मारपीट की गई। चीफ जस्टिस ने कहा- हम आपको रिहा करने का हुक्म दे रहे हैं। आपको अपने राजनीतिक विरोधियों से बातचीत करनी चाहिए। इससे देश में शांति का माहौल बनेगा। रिहाई के बाद इमरान ने कहा- मेरी गिरफ्तारी ऐसे की गई, जैसे मैं कोई आतंकी हूं। क्रिमिनल जैसा सलूक किया गया। डंडों से पीटा गया। 145 से ज्यादा फर्जी केस डाल दिए गए।
दूसरी तरफ, सरकार की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा- लाडले की गिरफ्तारी से इंसाफ देने वाले परेशान हैं। चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस उमर अता बांदियाल को पद से इस्तीफा देकर PTI में शामिल हो जाना चाहिए। मरियम ने कहा- सुप्रीम कोर्ट एक दहशतगर्द को शह दे रहा है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद एक साजिश के तहत हिंसा फैलाई गई। फौज पर हमले किए गए।
मरियम ने आगे कहा- आपके लाडले ने जितना नुकसान एक दिन में किया है। उतना तो भारत 75 साल में नहीं कर सका। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान के 60 अरब रुपए के घोटाले पर सवाल क्यों नहीं किए। इस आदमी की वजह से दो दिन में पूरा मुल्क जल गया। इसके पहले उसने पुलिस और रेंजर्स पर हमले कराए। सुप्रीम कोर्ट तब क्यों चुप रहा।
सरकार के मुताबिक खान जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लैंड माफिया मलिक रियाज को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया। लंदन में उसके 40 अरब जब्त कराए। बाद में ये पैसा ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान को सौंप दिया। इमरान ने यह जानकारी कैबिनेट को भी नहीं दी।
इसके बाद इमरान ने अल कादिर ट्रस्ट बनाया। इसने मजहबी तालीम देने के लिए अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई। इसके लिए अरबों रुपए की जमीन मलिक रियाज ने दी। बुशरा बीबी को डायमंड रिंग भी गिफ्ट की। बदले में रियाज के तमाम केस खत्म कर दिए गए। उसे करोड़ों रुपए के सरकारी ठेके भी मिले। होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा- 60 अरब रुपए की चपत सरकारी खजाने को लगी। 13 महीने में एक बार भी इमरान या बुशरा पूछताछ के लिए नहीं आए। 4 साल बाद भी इस यूनिवर्सिटी में 32 स्टूडेंट्स ही हैं।