इमरान खान को तोशखाना केस में मिली 3 साल की सजा

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(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शनिवार (5 अगस्त) को भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। उन्हें सजा सुनाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान खान (Imran Khan) की सजा और गिरफ्तारी को लेकर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है।

पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि तोशाखाना मामले में इमरान खान की दोषसिद्धि और गिरफ्तारी को हम नहीं मानते। ट्रायल कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला पूर्वनिर्धारित था। जियो टीवी से बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि मैं अदालत के फैसले को अस्वीकार करता हूं और मानता हूं कि यह राजनीति से प्रेरित निर्णय है जिसकी पहले से ही उम्मीद थी।

पीटीआई जाएगी हाई कोर्ट

उन्होंने कहा कि पीटीआई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर फैसले को चुनौती देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करेगी। हम सभी कानूनी तरीकों से इमरान खान का बचाव करेंगे। पार्टी की कोर कमेटी बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना (जहां सरकारी गिफ्ट रखे जाते हैं) से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया।

महमूद कुरैशी ने और क्या कहा?

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी अध्यक्ष इमरान खान पहले से ही कह रहे थे कि न्यायपालिका ने मुझे गिरफ्तार करने का मन बना लिया है। कुरैशी ने अपनी पार्टी के प्रमुख की गिरफ्तारी पर भी चिंता व्यक्त की और न्यायपालिका से सवाल पूछे कि क्या 70 वर्षीय इमरान खान को निष्पक्ष सुनवाई की पेशकश की गई।

कुरैशी ने संविधान के अनुच्छेद 10(1) का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक नागरिक को न्याय दिया जाएगा। कुरैशी ने पूछा कि क्या इमरान खान के मुकदमे के दौरान यह मानदंड पूरा हुआ था। क्या पूरी न्यायपालिका में जस्टिस हुमायूं दिलावर के अलावा कोई ऐसा नहीं था जो न्याय की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

इमरान खान की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को बार-बार ट्रायल कोर्ट में इस उम्मीद के साथ भेजा गया था कि इसी तरह के फैसले जारी किए जाएंगे। ये सोचने की बात है कि यह निर्णय इतनी जल्दबाजी में क्यों लिया गया और वीकेंड पर इसकी घोषणा क्यों की गई।

कुरैशी ने आरोप लगाया कि ये चिंता का विषय है कि जैसे ही फैसले की घोषणा की जा रही थी तो पुलिस इमरान खान को लेने के लिए जमान पार्क पहुंच चुकी थी। क्या पुलिस को पहले से फैसले के बारे में पता था। ये भी सोचना चाहिए कि इमरान खान के घर का गेट तोड़ने की क्या जरूरत थी।