केंद्र सरकार की अनुमति के बाद मेरठ से भेजा जाएगा देशभर में सामान

Meerut Zone

(www.arya-tv.com) ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (ईडीएफसी) के अंतर्गत माल ढुलाई (लोडिंग-अनलोडिंग) का एक स्टेशन मेरठ में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। अब तक कारिडोर पर मेरठ में पासिंग स्टेशन सकौती के पास बन रहा था जिसे अब माल ढुलाई के लिए विकसित किया जाएगा। इस स्टेशन का नाम न्यू मेरठ कैंट होगा। इस स्टेशन के बनने से मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों का सामान देश के कोने-कोने तक पहुंच सकेगा। इससे न केवल व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। शुक्रवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने होटल ओलिविया में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।

मेरठ से होकर गुजरने वाला पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (ईडीएफसी) लुधियाना से कोलकाता तक बनाया जा रहा है। इस कारिडोर में खुर्जा से सहारनपुर तक 222 किमी का कारिडोर सिंगल लाइन है। इस दूरी में पहला माल ढुलाई स्टेशन खुर्जा है। अब दूसरा स्टेशन मेरठ में विकसित होगा। जबकि तीसरा माल ढुलाई का स्टेशन अंबाला में बनाने की योजना है।

खुर्जा से मेरठ तक के हिस्से को इसी साल जून में पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन कोरोना के चलते अब अवधि बढ़ाकर दिसंबर तक कर दी गई है। मेरठ में माल ढुलाई स्टेशन बनाने की मांग पर केंद्र ने सर्वे कराया था। इस सर्वे में सिवाया और सकौती के बीच स्टेशन का प्रस्ताव था। इसका नाम न्यू कैंट मेरठ स्टेशन दिया गया था। इस प्रस्ताव पर अब केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। इस स्टेशन तक उच्च स्तर की सड़कें बनाई जाएंगी ताकि आसानी से स्टेशन तक माल पहुंचा सके।

ईडीएफसी पर मेरठ में माल ढुलाई स्टेशन बनने से मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों को फायदा मिलेगा। अब तक ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी के दादरी में बने जंक्शन स्टेशन पर माल उतारा और चढ़ाया जा रहा है। मेरठ व सहारनपुर समेत आसपास के जिलों के व्यापारी यहीं से अपने माल की आवाजाही कर रहे हैं।

मेरठ में माल ढुलाई स्टेशन बनने से माल पहुंचाने का नेटवर्क विकसित होगा। इससे माल चढ़ाने वालों से लेकर स्टेशन तक माल पहुंचाने वालों को रोजगार मिलेगा। खुर्जा और सहारनपुर भी औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे।

ईडीएफसी में प्रति 10 किमी पर पासिंग स्टेशन बनेंगे। इसी योजना के तहत मेरठ में भी पासिंग स्टेशन बन रहा है। जिसे अब माल ढुलाई स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। खुर्जा से हापुड़ तक रेलवे ट्रैक बिछ गया है। दो माह के अंदर मेरठ तक ट्रैक बिछ जाएगा। इसके बाद ट्रायल होगा। जनवरी 2023 में मालगाड़ी ट्रैक पर दौडऩे लगेगी।

यह भी जानिए

  • 1856 किमी लंबा है ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर।
  • यह कारिडोर लुधियाना से बंगाल के डानकुनी तक है।
  • कारिडोर पर डबल डेकर (दो फ्लोर) की मालगाडिय़ां चलेंगी।
  • करीब डेढ़ किमी लंबी मालगाड़ी 100 किमी प्रति घंटा से दौड़ेंगी।
  • मालगाड़ी के एक्सल की क्षमता 13 हजार टन वजन सहने की होगी।
  • वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर मुंबई से दादरी तक के बीच है।