AI कितना खतरनाक… इससे दर्जनों फर्जी न्यूज साइट बन रहीं:ऐसी फेक साइट दुनियाभर में गलत खबरें दे रहीं

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(www.arya-tv.com) बीते अप्रैल में एक न्यूज वेबसाइट सेलेब्रिटीजडेथ्सडॉटकॉम पर सुबह न्यूज फ्लैश हुई, शीर्षक था ‘बाइडेन डेड’, हैरिस एक्टिंग प्रेसिडेंट, 9 बजे संबोधित करेंगी। इसी तरह एक अन्य वेबसाइट पर एक आर्किटेक्ट की मृत्यु की झूठी सूचना और उनका शोक संदेश जारी किया गया।

टीन्यूजनेटवर्क साइट ने एक यू-ट्यूब वीडियो के आधार पर रूस-यूक्रेन युद्ध में हजारों सैनिकों की मौत की मनगढ़ंत खबर चलाई… ये तो महज उदाहरण हैं। न्यूज रेटिंग कंपनी न्यूजगार्ड की ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि इंटरनेट AI चैटबॉट द्वारा बनाई गई दर्जनों फर्जी वेबसाइट चल रही हैं।

ब्लूमबर्ग ने 49 साइट का किया रिव्यू
ब्लूमबर्ग ने 49 साइट का रिव्यू किया है, इसके मुताबिक कुछ को ब्रेकिंग न्यूज वेबसाइट की तरह डिजाइन किया गया है। इनके नाम ‘न्यूज लाइव 79 और डेली बिजनेस पोस्ट रखे गए हैं, इससे ये वास्तविक ही लगती हैं। इनमें कुछ लाइफस्टाइल टिप्स, सेलेब न्यूज या स्पॉन्सर्ड कंटेंट देती हैं। पर कोई भी यह खुलासा नहीं करता कि वे चैटजीपीटी और गूगल बार्ड जैसे AI चैटबॉट इस्तेमाल कर रहे हैं।

न्यूजगार्ड के मुताबिक ऐसी साइट पूरी दुनिया में हैं, जो अंग्रेजी, पुर्तगाली और थाई समेत कई भाषाओं में खबरें दे रही हैं। AI टैक्स्ट क्लासिफायर जीपीटीजीरो से लेख जांचे, जिससे पता लगता है कि कुछ अंश या पूरा लेख AI ने लिखा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तय है कि इनके झूठे कंटेंट/खबरें एक बड़े वर्ग तक तो पहुंच ही गए।

टेक दिग्गजों को अपने मॉडल को ऐसे ट्रेंड करना होगा कि वे खबरें गढ़ न सकें
बेंटले यूनिवर्सिटी में डेटा साइंस के प्रोफेसर नूह गियानसिराकुसा कहते हैं,‘चिंता की बात यह है कि ये टेक्नोलॉजी सस्ती और आसान हो गई है, मैनपावर पर खर्च भी नहीं होता। नूह कहते हैं,‘धोखाधड़ी के इस ब्रांड के समर्थक इसे प्रभावी बनाने के लिए प्रयोग करते रहेंगे। पर जैसे-जैसे न्यूजरूम का झुकाव AI और ऑटोमेशन की तरफ बढ़ रहा है, ऑनलाइन सूचना इकोसिस्टम की गुणवत्ता उतनी ही ज्यादा गिरती जा रही है।

न्यूजगार्ड के गॉर्डन क्रोविट्ज कहते हैं,‘ओपनएआई और गूगल जैसी कंपनियों को अपने मॉडलों को सावधानी से ट्रेंड करना होगा, ताकि वे खबरें गढ़ ना सकें।’