बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ हिन्दी कार्यशाला का आयोजन

Lucknow
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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हिन्दी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ‘हिन्दी पखवाड़ा’ के अंतर्गत दिनांक 24 सितम्बर को हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर बीबीएयू के भूतपूर्व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डॉ. एस. के. गोयल उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर मुख्य वक्ता के तौर पर सेंटर ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट लीगल स्टडीज की डायरेक्टर प्रो. प्रीति सक्सेना, संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रिपुसूदन सिंह, विश्वविद्यालय हिन्दी अधिकारी डॉ. शिवकुमार त्रिपाठी एवं एनसीसी अधिकारी डॉ. राजश्री उपस्थित रहीं। सर्वप्रथम आयोजन समिति की ओर से मंच पर उपस्थित अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ भेंट करके सम्मानित किया गया। इसके पश्चात डॉ. शिवकुमार त्रिपाठी ने सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रुपरेखा से अवगत कराया। साथ ही डॉ. विपिन कुमार झा ने सभी को कम्प्यूटेशनल संस्कृत के बारे में बताया। मंच संचालन का कार्य डॉ. राजश्री ने किया।

 मुख्य अतिथि एवं बीबीएयू के पूर्व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डॉ. एस. के. गोयल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल हम हिन्दी भाषा को भूलते जा रहे हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरी ओर अपनी मातृभाषा को पुनर्जीवित करने के लिए हमें प्रत्येक स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।  मुख्य वक्ता एवं सेंटर ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट लीगल स्टडीज की डायरेक्टर प्रो. प्रीति सक्सेना ने चर्चा के दौरान ने कार्यालय संबंधी गतिविधियों में पत्राचार के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कार्यालय प्रबंधन के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को सम्मिलित करने पर प्रकाश डाला। संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रिपुसूदन सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंदी भाषा देश की एकता का सूत्र है। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार करने का श्रेय एक मात्र हिंदी भाषा को जाता है। साथ ही तकनीकी सेवाओं का प्रयोग करके आधुनिक रूप से हिन्दी को बढ़ावा दिया जा सकता है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य हिन्दी अनुवाद अधिकारी श्रीमती संध्या दीक्षित ने किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान प्रो. शूरा दारापुरी, डॉ. रमेश चंद्र नैलवाल,  राम कुमार गुप्ता, अन्य शिक्षक, गैर – शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहें।