अरे गजब! इंजीनियर ने बना दिया QR कोड वाला पेंडेंट, अब अपनों से नहीं बिछड़ेंगे दिमागी बीमारी से जूझ रहे लोग

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(www.arya-tv.com) टेक्नोलॉजी एडवांस होने के साथ ही हमें अपने दैनिक जीवन में अधिक सुविधा मिल पाती है। नए-नए गैजेट्स न सिर्फ काम को आसान बनाते हैं, बल्कि इसके इस्तेमाल से समय का भरपूर बचत होता है। अब मुंबई के एक इंजीनियर ने कमाल कर दिखाया है। उन्होंने QR Code वाला पेंडेंट बनाया।

जिससे मानसिक रूप से बीमार लोगों की काफी मदद हो सकती है। खास बात ये है कि इसे यूजर करना काफी आसान है। इस इनवेंशन से मानसिक रोगियों की काफी मदद हो सकती है। सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं क्यूआर कोड वाले पेंडेंट के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां।

प्रोजेक्ट चेतना…

बुजुर्ग, विकलांग, डिमेंशिया से पीड़ित या कमजोर याददाश्त वाले लोगों को रोजाना अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वो घर से निकलने के दौरान अपना नाम, पता भूल सकते हैं। ऐसे लोगों की मदद करने के लिए 24 साल के डाटा इंजीनियर, अक्षय रिदलान ने क्यूआर कोड वाला पेंडेंट बनाया है। जिसे पहनने के बाद वो बेझिझक घर से निकल सकते हैं।

साथ ही उनके परिवार वाले भी निश्चिंत होकर उन्हें कहीं बाहर छोड़ पाएंगे। अक्षय ने इस पहल को प्रोजेक्ट चेतना नाम दिया है। जिसके तहत डिमेंशिया जैसे मेडिकल इमरेंजी से जूझ रहे लोगों को ये पेंडेंट दिया जाएगा ताकि कहीं भटकने पर वो अपनी फैमिली से दोबारा मिल पाएं।

कैसे काम करता है पेंडेंट?

द साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ओवल शेप के इस पेंडेंट को इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसमें एक कस्टमाइज्ड QR कोड दिया गया है, जिसके साथ इसे पहनने वाले व्यक्ति के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां दी गई हैं। जैसे- नाम, पता, फोन नंबर और ब्लड ग्रुप। इस तरह से अगर गुमशुदा व्यक्ति का सामना किसी अनजान से होती और वो उसे पेंडेंट के जरिए उसके बारे में जरूरी जानकारी जुटाकर उसकी मदद कर सकते हैं।

ये इन्वेंशन न सिर्फ मानसिक रूप से बीमार लोगों बल्कि अकेले स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसकी कीमत को लेकर किसी तरह की जानकारी सामने नहीं आई है। खैर, आपको क्या लगता है? इस इनोवेशन से मानसिक रोगियों की कितनी मदद होगी?