फरवरी में भी 1 लाख करोड़ रुपए के पार जा सकता है GST कलेक्शन

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(www.arya-tv.com) कोरोना के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी आ रही है। इसी का नतीजा है कि बीते चार महीनों से लगातार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार चल रहा है। आज फरवरी माह के GST कलेक्शन के आंकड़े आने वाले हैं। इस बार भी 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का GST कलेक्शन रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

पहली बार लगातार पांच महीने 1 लाख करोड़ के पार रहेगा GST कलेक्शन

अर्थव्यवस्था में आई तेजी और सरकारी प्रयासों की बदौलत फरवरी में GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो GST प्रणाली लागू होने के बाद यह पहला मौका होगा जब लगातार पांच महीने तक कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार रहेगा।

इन कारणों से लगातार बढ़ रहा है GST कलेक्शन

  • इकोनॉमी में सुधार के साथ आयात बढ़ रहा है। इससे सरकार को ज्यादा रेवेन्यू मिल रहा है।
  • सरकार देशभर में GST चोरी और फेक बिल के खिलाफ अभियान चला रही है। इससे भी ज्यादा टैक्स मिल रहा है।
  • कोविड-19 के बाद लगातार कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे रिटर्न फाइलिंग बढ़ रही है। रिटर्न की संख्या बढ़ने से भी टैक्स बढ़ रहा है।

पिछले महीने बना था GST कलेक्शन का रिकॉर्ड

जनवरी 2021 में GST कलेक्शन के तौर पर सरकार को 1 लाख 19 हजार 847 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। GST प्रणाली लागू होने के बाद यह सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन का एक रिकॉर्ड था। इससे पहले दिसंबर 2020 में 1 लाख 15 हजार 174 करोड़ के रेवेन्यू के साथ सबसे ज्यादा GST कलेक्शन का रिकॉर्ड बना था।

2020 में केवल 5 महीने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण 2020 में सिर्फ पांच महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जनवरी 2020 में 1 लाख 10 हजार 828 करोड़ रुपए कलेक्शन रहा था। इसके अगले महीने फरवरी में 1 लाख 5 हजार 366 करोड़ रुपए आए थे। अनलॉक के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।

अप्रैल में सबसे कम कलेक्शन हुआ था

कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन से मार्च से GST कलेक्शन घटने लगा था। उस महीने कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से कम होकर 97 हजार 597 करोड़ रुपए रह गया था। अप्रैल में तो यह सिर्फ 32 हजार 172 करोड़ रुपए रह गया जो अब तक का सबसे कम है। हालांकि मई से इसमें लगातार सुधार हो रहा है।