ताले में कैद छात्रों के लिए बनाया गया आजाद हॉस्टल, जानिए क्या है मजबूरी जो ज्यादा किराये ​देकर रह रहें बाहर

Bareilly Zone

बरेली (www.arya-tv.com) विद्यार्थियों की सुविधा के लिए बरेली कालेज में बने छात्रावास महज दिखावा साबित हो रहे हैं। दशकों पहले छात्रों के लिए बनाया गया आजाद छात्रावास जर्जर घोषित होने के बाद से ताले में बंद पड़ा है। वहीं, पिछले साल बनकर तैयार हुए महिला छात्रावास के उद्घाटन का इंतजार है।

ऐसे में बरेली कालेज में अधिकांश हास्टल सफेद हाथी साबित हो रहे। जर्जर घोषित होने की वजह से आजाद हास्टल लंबे समय से ताले में बंद है। इसकी जगह कोई दूसरा हॉस्टल अब तक नहीं बना। ऐसे में कालेज के विद्यार्थी शहर के मकानों में ज्यादा किराया देकर रहने को मजबूर हैं।

तीन दशक से पहले बना था आजाद हॉस्टल

दरअसल, बरेली कालेज में अन्य जिलों से भी विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। छात्र-छात्राओं को असुविधा न हो, इसलिए यहां लाखों रुपये खर्च कर हास्टल बनाए गए थे। आजाद हॉस्टल तीन दशक से ज्यादा पुराना बताया जाता है।

चार साल पहले हुए सर्वे में यह हॉस्टल जर्जर घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद भवन को ताला लगा दिया गया। तय हुआ था कि भवन को गिराने के बाद यहां दूसरा भवन बनाया जाएगा। लेकिन इतना समय बीतने के बावजूद अभी तक नया भवन बनना तो दूर, पुराना भवन ही नहीं गिराया गया है।

कोरोना में अटका महिला छात्रावास का उद्घाटन

बरेली कालेज में पिछले साल लाखों रुपये खर्च कर महिला छात्रावास बना था। तब छात्रावास का उद्घाटन भी जल्द करने की तैयारी थी। इस बीच कोरोना संक्रमण जिले में भी बढ़ने लगा। ऐसे में महिला छात्रावास का उद्घाटन रोकना पड़ा। हाल में दोबारा छात्रावास का उद्घाटन करने की कवायद की जा रही थी। लेकिन कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है। ऐसे में छात्रावास का उद्घाटन एक बार फिर खटाई में पड़ गया है।

तीन से चार हजार रुपये है बाहर मासिक किराया

जानकारी के मुताबिक कालेज के करीब 30 फीसद बच्चे अन्य जिलों से पढ़ने आते हैं। छात्रावास न होने की वजह से सभी शहर के मकानों में किराए के मकान पर रहते हैं। छात्रों के मुताबिक मकान का किराया तीन से चार हजार रुपये प्रति माह देना होता है। जबकि छात्रावास का किराया इससे कई गुना कम होता है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन के भी रुपये अलग से बचते हैं।

क्या कहना है जिम्मेदारों का

आजाद छात्रावास सालों पहले जर्जर घोषित हो चुका है। इसकी जगह नया छात्रावास बनना है। वहीं, महिला छात्रावास की शुरुआत कोरोना संक्रमण की वजह से रुकी है। हालात सामान्य होते ही, हॉस्टल खोल दिया जाएगा।