पूरी राजधानी में फैला वायरस, भयावह होती जा रही स्थिति, डॉक्टर-बैंक मैनेजर समेत 707 संक्रमित

Health /Sanitation Lucknow UP

लखनऊ।(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बना हुआ है। राजधानी में कोरोना भयावह हो चुका है। शुक्रवार को डॉक्टर-बैंक मैनेजर समेत 707 लोग वायरस की पुष्टि हुई है। वहीं, 16 की मौत हो गई। उधर, 721 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।

शहर में वायरस की चेन ब्रेक नहीं हो रही है। हर रोज सैकड़ों मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। शुक्रवार को केजीएमयू में दो डॉक्टरों में वायरस की पुष्टि हुई। इसके अलावा 16 लोगों में संक्रमण पाया गया। ऐसे में केजीएमयू में डॉक्टर-स्टाफ में संक्रमितों की संख्या 259 पहुंच गई है।

वहीं केजीएमयू प्रशासन मामले को छिपा रहा है। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने संक्रमित स्टाफ की जानकारी से इन्कार किया है। वहीं, आरएलबी अस्पताल में एक डॉक्टर, नर्स में कोरोना पाया गया। यहां के आर्थोपैडिक विभाग में भर्ती मरीज में वायरस मिलने पर 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।

रहीमाबाद के ससपन स्थित बैंक के शाखा प्रबंधक में कोरोना वायरस पाया गया। ऐसे में शुक्रवार दोपहर को शाखा को बंद कर दिया गया है। बैंक में गए क्षेत्रवासियों में हड़कंप है। शहर के 12 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई। ऐसे में मृतकों की संख्या 335 पहुंच गई है।

इसके अलावा एक गोरखपुर, एक उन्नाव, एक प्रयाग राज व एक अन्य जनपद के मरीज की अस्पताल में मौत हुई है। ऐसे में कुल 16 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। शहर में शुक्रवार को 3682 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया।

इसके अलावा इंदिरा नगर में 42, ठाकुरगंज में 21, तालकटोरा में 17, हसनगंज में 14, गोमती नगर में 37, महानगर में 23, हजरतगंज में 21, मड़ियांव में 23, रायबरेली रोड के 19, चौक में 29, जानकीपुरम में 17, विकासनगर में 11, गुडंबा में 10, कैंट में 31, आलमबाग में 29, आशियाना में 27, अलीगंज में 15, काकोरी में 11, सरोजनीनगर में 20, चिनहट में 35, हुसैनगंज में 12, गोसाईगंज में 11 कोरोना के मरीज मिले।

इसके अलावा विभिन्न इलाकों में कोरोना के मरीज पाए गए। डफरिन अस्पताल में प्राइवेट वार्ड बंद करवा दिए गए हैं। इन वार्डों में अब कोरोना से संक्रमित होने पर अस्पताल के स्टाफ को क्वारंटाइन किया जा रहा है।

अस्पताल प्रशासन के मुताबिक प्राइवेट वार्ड में मरीज व तीमारदार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं इसलिए ऐसा निर्णय लिया गया। इस बाबत, अस्पताल की एसआइसी डॉ. लिली सिंह का कहना है कि अस्पताल में कुल 24 प्राइवेट वार्ड हैं।

इन वार्ड में मरीज के साथ एक से अधिक की संख्या में तीमारदार रहते हैं। ऐसे में, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता है। वहीं, कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है जिसे देखते हुए जच्चा और बच्चा के लिए भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

साथ ही मरीज व तीमारदारों की लापरवाही के चलते अस्पताल का स्टाफ भी कोरोना का शिकार हो रहा है। ऐसे में, स्टाफ के जो लोग कोरोना पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं, मगर उनके घर में अलग कमरा और बाथरूम की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसलिए ऐसे कर्मचारियों को अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में क्वारंटाइन किया जा रहा है।