किसानों ने पीएम मोदी की घोषणा को बताया आंदोलन की आंशिक जीत, जानिए क्या कहा

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बरेली (www.arya-tv.com) नये कृषि कानूनों को सरकार ने वापस लेने की घोषणा कर दी हैं। सरकार के इस निर्णय को करीब एक साल से आंदोलन कर रहे शाहजहांपुर के किसानों ने सराहा है। लेकिन इसे अभी किसानों की आंशिक जीत ही बताया है।

किसान आयोग के गठन व न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित कराने के लिए आगे भी संघर्ष करने की बात किसानों ने कही है। नये कृषि कानूनों का वापस कराने की मांग को लेकर शाहजहांपुर जिले के किसान भी शहर से लेकर गाजीपुर बार्डर तक विरोध करते रहे हैं। बीते दिनों भारतबंद के आवाहन पर भी जिले के किसानों ने लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाने से लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध करने के लिए भी पूरी ताकत दिखाई थी।

इसके अलावा समय-समय पर किसान गाजीपुर बार्डर पर भी धरने पर बैठे। शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो जिले के किसानों ने इस निर्णय की सराहना की। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के उप्र उत्तराखंड तराई अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा देर से ही सही लेकिन सरकार को अपनी गलती का अहसास हुआ हैं।

किसान इसके लिए उन्हें बधाई देते हैं। लेकिन यह सिर्फ आंशिक जीत हैं। अभी किसानों की तमाम समस्याएं हैं जिनको लेकर सरकार से लड़ाई जारी रहेगी। वहीं भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह यादव ने कहा कि सरकार का अच्छा निर्णय हैं। आखिर उन्हें किसानों का दर्द समझ में आ गया हैं। लेकिन सिर्फ कृषि कानून वापस लेने ही किसानों की सभी समस्याओं का समाधान नहीं हैं। जो अन्य मांगे है उन्हें भी जल्द पूरा करना चाहिए।