भारत में इंजीनियर हायर करेंगे मस्क:ट्विटर को डीसेंट्रलाइज करने का प्लान, एम्प्लॉइज को शेयर भी देंगे

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(www.arya-tv.com)  एलन मस्क अब ट्विटर में नए एम्प्लॉइज को हायर करने का प्लान बना रहे हैं। एम्प्लॉइज के साथ मीटिंग के दौरान, मस्क ने इंजीनियरिंग और सेल्स में अधिक लोगों को नियुक्त करने के अपने प्लान का खुलासा किया है। द वर्ज ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक एलन मस्क जापान, भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील में इंजीनियरिंग टीमों को सेट करके ट्विटर का डीसेंट्रलाइजेशन करना चाहते हैं।

मीटिंग में उन्होंने दावा किया कि ट्विटर के टेक्नोलॉजी स्टैक को स्क्रैच से बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक डीसेंट्रलाइजेशन करना एक अच्छा विचार है। अभी यह नहीं पता चला पाया है कि मस्क किस तरह के इंजीनियर या सेल्स एग्जीक्यूटिव नियुक्त करने प्लान बना रहे हैं। हालांकि, बीते दिनों उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की आवश्यकता पर जोर दिया था और इसे ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ कहा था।

ट्विटर एम्प्लॉइज को नए बेनिफिट
मस्क ने उन एम्प्लॉइज के बेनिफिट के बारे में भी बताया जो अभी भी ट्विटर के साथ हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें स्टॉक ऑप्शंस (शेयर) में भुगतान किया जाएगा और समय-समय पर उन्हें उन स्टॉक को बेचने का मौका मिलेगा। मस्क की दूसरी कंपनी स्पेसएक्स भी इसी तरह के स्टॉक ऑप्शन्स देती है। मीटिंग के दौरान मस्क ने जापान में ट्विटर की मौजूदगी की सराहना की। उन्होंने ये भी कहा कि ट्विटर अमेरिका सेंट्रिक नहीं बल्कि जापान सेंट्रिक है।

क्या होता है स्टॉक ऑप्शन?
स्टॉक ऑप्शन का मतलब है कंपनी के एम्पलॉई को मार्केट प्राइस से काफी कम कीमत पर शेयर देना। कम कीमत पर मिले इन शेयरों को एम्पलॉई शर्तों के मुताबिक बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। एलन मस्क को भी टेस्ला ने 2018 में कंपंसेशन पैकेज के रूप में स्टॉक ऑप्शन दिए थे। टेस्ला ने कहा था कि अगर मस्क फाइनेंशियल टारगेट को पूरा कर लेते हैं तो उन्हें ये पैकेज दिया जाएगा। मस्क ने इसे बहुत ही तेजी से पूरा कर लिया था।

बड़े बदलावों से गुजर रहा ट्विटर
एलन मस्क ने अक्टूबर में 44 बिलियन डॉलर, यानी 3.58 लाख करोड़ रुपए में ट्विटर को खरीदा था। ट्विटर की कमान संभालने के बाद से एलन मस्क कंपनी में बड़े बदलाव करने में जुटे हुए हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने छंटनी के पहले राउंड में करीब 3,700 कर्मचारियों को निकाला था। वहीं भारत में कंपनी के 90% कर्मचारियों को हटा दिया गया था। छंटनी की शुरुआत उन्होंने CEO पराग अग्रवाल के साथ की थी।