डीजिटल महाकुंभ : एक योगी की आधुनिक सोच

Lucknow
  • दो सौ देशों की डिजिटल डुबकी
  • विश्व भर में महाकुंभ की महा गूंज

– नवेद शिकोह

एक योगी की आधुनिक सोच ने दुनिया के सबसे पुरातन सनातन धर्म की आस्था, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व की एकजुटता और आध्यात्मिक शक्ति को विश्वपटल पर चमका दिया है। डिजिटल महाकुंभ कई दिनों से हैशटैग टॉप ट्रेंड का रिकार्ड क़ायम कर रहा है। विश्वभर के इंटरनेट यूजर सनातन आस्था के इस महाआयोजन से सीधे जुड़ रहे हैं। देख रहे हैं, आकर्षित हो रहे हैं और नित्य अद्भुत जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत नौ जनवरी को डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर और डिजिटल मीडिया गैलरी का उद्घाटन किया था। इसके बाद से डिजिटल दुनिया, सोशल मीडिया और देश की मुख्यधारा की मीडिया में योगी सरकार के इस दिव्य और भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक महा आयोजन की महा धूम दुनिया भर में गूंज रही है।

प्रयागराज के दस हजार एकड़ क्षेत्र से आगे बढ़कर महाकुंभ दुनिया भर में आकार ले चुका है। भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक चेतना को डिजिटल महाकुंभ ने दुनिया के कोने-कोने में फैला दिया है। ये दिव्य और भव्य विशाल अनुष्ठान विश्वभर को आकर्षित कर रहा है। हमारी आस्था,साधना और पुरातन संस्कृति की हर तरफ चर्चा है। डिजिटल दुनिया में महाकुंभ की महा गूंज है। यूरोपीय,एशियन, मिडिल ईस्ट और यहां तक खाड़ी देशों में आस्था के महाकुंभ की तस्वीरों और जानकारियों को सर्च करने की रफ्तार बढ़ रही है। विभिन्न वेबसाइट, पोर्टल, यूट्यूब पर इन दिनों सबसे अधिक सर्चिंग महाकुंभ की हो रही है। सोशल मीडिया पर इसकी धूम है। व्हाट्स से लेकर फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम हर भारत की आस्था, साधू-संत,नागाओं और अखाड़ों का जिक्र है। महाशक्तिमान साधू-संतों और नागा साधुओं की साधना की जानकारियां विदेशियों के आकर्षण का विषय बनी हैं।

  • महाकुंभ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh. gov.in/ पर सबसे अधिक जानकारियां उपलब्ध हैं।

आधुनिक दौर में पुरातन संस्कृति की चेतना को डिजिटल बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना को सूचना निदेशक शिशिर ने बखूबी आकार दिया है। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों को जमीन पर उतारने में योगी के कर्मठ और परिश्रमी अफसरों में शामिल सूचना निदेशक ने महाकुम्भ को सफल डिजिटल महाकुंभ बनाने में जी जान लगा दी है। जिसका सुखद परिणाम अब वैश्विक स्तर पर दिखाई देने लगा है। देश मे ही नहीं दुनिया की डिजिटल दुनिया में डिजिटल महाकुंभ छाता जा रहा है। अयोध्या, काशी मथुरा के बाद आस्था के महाकुंभ ने प्रयागराज का भी कायाकल्प कर दिया है। धार्मिक तीर्थ स्थानों ने विदेशी पर्यटकों की संख्या का ग्राफ दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। कुंभ में भारी संख्या में विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ती जा रही है। डिजिटल दायरा बढ़ने के बाद दो सौ से अधिक देशों के करोड़ों लोग सर्चिंग के जरिए इस अनुष्ठान में सम्मिलित हुए है।भारत के इस आध्यात्मिक-सांस्कृतिक आयोजन के प्रति वैश्विक स्तर पर दुनिया की जिज्ञासा बढ़ने का कारण महाकुंभ का डिजिटाइजेशन है।
पूरी संभावना है कि 144 वर्षो के बाद एक सुंदर संयोग वाले महाकुंभ में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की पावन धरती पर चालीस करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का समागम विश्व में एक रिकार्ड बनाएगा। इससे भी बड़ी उपलब्धि ये है कि विश्व कल्याण की कामना करने वाला ये अनुष्ठान डिजिटल महाकुंभ थोड़े से समय में ही पूरे विश्व में अपनी आध्यात्मिक शक्ति फैलाने लगा है। सनातन धर्म की पुरातन संस्कृति और आस्था दुनिया वालों को सीख दे रही है। इतनी बड़ी संख्या की सुरक्षा का मॉडल सैकड़ों देशों का स्टडी प्वाइंट बन गया है। ये आयोजन कम्युनिकेशन और अनेकता में एकता की मिसाल बन कर पेश हो रहा है।

गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम किस तरह सनातनी संपूर्ण शक्तियों को अपने बाहों में समेट सकता है। हर जाति, प्रत्येक सम्प्रदाय और पंथ का अटूट गुलदस्ता हिन्दुत्व को महाशक्ति बना रहा है। हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दर्पण बनकर महाकुंभ देश के आर्थिक विकास,पर्यटन, व्यापार और स्वरोजगार की उन्नति,प्रगति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। ये भी देखने लायक है कि महाकुंभ की आस्था के रूप में भारत की आध्यात्मिक शक्ति किस तरह प्रासंगिक है और विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है। डिजिटल महाकुंभ के जरिए दुनिया हमारी इन खूबियों को पल-पल देख रही है, सीख रही है, प्रेरणा ले रही है। आस्था के इस अनुष्ठान से सैकड़ों देश भारत के प्रति आस्थावान हो रहे हैं। अयोध्या और काशी के बाद प्रयागराज का भी कायाकल्प हो गया है।

देश को गौरवान्वित करने वाले इस भव्य और दिव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके अफसरों को बड़ा श्रेय जाता है। मुख्य सचिव हो, प्रमुख सचिव गृह/ सूचना, डीजीपी, निदेशक सूचना, मुख्यमंत्री के सलाहकार या अन्य हजारो कर्मचारी, हर किसी में आस्था के मनोभाव से अद्भुत शक्तियों और क्षमताओं का समावेश इस एतिहासिक अनुष्ठान को सफल बना रहा है। सुरक्षाकर्मी और सरकारी कर्मचारी व्यवस्थाओं और सुरक्षा को अधिक से अधिक बेहतर बनाने में लगे हैं। अफसर और कर्मचारी दिनों रात मेहनत में जुटे हैं। ड्यूटी के कर्तव्य के साथ आस्था ने जैसे इन्हें अतिरिक्त ईश्वरीय वरदान की शक्ति प्रदान कर दी हो। सैकड़ों एकड़ में फैले इस आयोजन का मीडिया सेंटर भी भव्य है। यहां ना सिर्फ उत्तर प्रदेश या देश की मीडिया बल्कि विश्व भर की मीडिया डेरा डाले है। इस विश्वविख्यात अनुष्ठान को सफल बनाने वाले कर्मचारी महाकुंभ में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपनी ड्यूटी की आस्था में डुबकी लगा रहा है।

धर्म कर्तव्य पालन का आदेश देता है। ऐसे लोग अनमोल हैं जो अपनी ड्यूटी का कर्तव्य पालन कर्मठता और पूरी ईमानदारी से करते ही हैं साथ इनमें धार्मिक आस्था के प्रति समर्पण की शक्ति है। कर्त्तव्यपरायणता और धार्मिक आस्था का मिलन ऐसी महाशक्ति ईश्वरीय चमत्कार जैसी होती है। जो बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने में सफल होती हैं। हजारों वर्षों पुरानी सनातनी परंपराओं का महाकुंभ हो या सैकड़ों वर्षो की प्रतिक्षा के बाद अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य और दिव्य आयोजन हो, या कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदा से लड़ने और बचने की चुनौतियां हों।‌ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक शक्ति और उनके आलाधिकारियों की कर्तव्य निष्ठा व धार्मिक आस्था की शक्तियों ने हर चुनौती को आसान बना दिया है। डिजिटल महाकुंभ के यूजर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाओं में योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए लिख रहे हैं कि ये आयोजन सनातनियों को जातियों में बांटने वालों को जवाब दे रहा है कि हिन्दुत्व के गुलदस्ते में हर जाति, सम्प्रदाय और पंथ एकजुट है। इसी कोई भी सियासी ताकत सनातनियों को बांट नहीं सकती, तोड़ नहीं सकती और बिखरा नहीं सकती। आस्था के महाकुंभ को सोशल मीडिया पर प्रबंधन और कानून व्यवस्था का दुनिया का सबसे बड़ा मॉडल भी बताया जा रहा है।