(www.arya-tv.com)फर्रुखाबाद के पंकज अवस्थी और ऋषभ कुमार दुबे हाइवे से जा रहे थे. तभी अचानक इनकी नजर बैग पर पड़ी. तभी वहां से कुछ क्षण पहले ही बाइक सवार एक व्यक्ति निकला था, जिसके पीछे एक महिला भी सवार थी. लेकिन जब तक उन्होंने उस बाइक सवार को रोकना चाहा तब तक कि वो लोग वहां से गुजर चुके थे. ऐसे में इन दोनों साथियों ने उसे बैग को लेकर हाइवे के चंद कदमों की दूरी पर चौराहे पर पहुंच कर एक पान की दुकान पर मौजूद लोगों को इस घटना से अवगत कराया. बताया कि उन्हें यह बैग हाईवे पर पड़ा हुआ मिला है. उस समय इनका मूल मकसद यही था कि इस बैग के असली हकदार को ही मिले. इसके लिए उन्होंने सारे जतन किए. लेकिन पता न चल सका. ऐसे में रास्ते भर उनरा मन असली हकदार को ढूंढने में ही लगा रहा. लेकिन मजबूरन यह लोग वहां से अपने जिले फर्रुखाबाद लौट आए.
बैग में मिला फोन
इसके बाद इन दोनों साथियों ने एक बार फिर से बैग के असली हकदार को जानने के लिए बैग खोला तो उसमें जेवरातों के साथ ही एक मोबाइल भी दिखा. ऐसे में उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन जब तक उसे मोबाइल को खोल दे तब तक कि वह स्विच ऑफ हो चुका था. ऐसे समय पर इन्होंने कई जतन करके उसे फोन को चार्ज किया और उसमें से मिले नंबरों पर सूचित किया.
फिर जब सामने आई पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा के निवासी राजेंद्र प्रसाद सूचना पर फर्रुखाबाद पहुंचे. तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अपने पति के साथ जा रही थी. तो वृंदावन जाते हुए रास्ते में कहीं पर उनका बैग गिर गया. इसके बाद इन्होंने कई प्रयास किए, लेकिन बैग नहीं मिल सका. वो सौभाग्यशाली हैं कि इनका बैग भी ऐसे व्यक्ति को मिला जिन्होंने बैग के असली हकदार को ढूंढने के लिए अनेकों प्रयास किए.
लोकल18 को राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि आज के समय पर जहां एक ओर लोग पैसों के लिए कुछ भी गुजरते हैं. लेकिन वास्तव में ऐसे भी लोग अभी भी हैं जो की सत्य निष्ठा और मानव सेवा के प्रति सर्वोच्च निछावर करने के लिए तैयार रहते हैं.