डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की खत्म हुई फरलो, 21 दिन बाद आज फिर होगी रोहतक के जेल में एंट्री

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(www.arya-tv.com) डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मिली 21 दिन की फरलो का समय बुधवार को पूरा हो गया है. बागपत के बरनावा आश्रम से किसी भी समय राम रहीम को आज रोहतक की सुनहरिया जेल में शिफ्ट किया जा सकता है. बागपत और हरियाणा पुलिस राम रहीम को लेकर हरियाणा रवाना होगी, जहां से उनका नया ठिकाना एक बार फिर से रोहतक की सुनहरिया जेल बन जाएगा.

बता दें कि पिछले 21 दिनों से राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम में रह रहे थे. कोर्ट ने उनकी 21 दिन की फरलो मंजूर की थी, जिसके बाद वह कड़ी सुरक्षा में आश्रम लाए गए थे. इस दौरान वह अपने परिवार और मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के साथ भी रहा. गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है.

8वीं बार जेल से बाहर आया राम रहीम 
फरलो मिलने के बाद राम रहीम आठवीं बार जेल से बाहर आया था. इससे पहले सात बार राम रहीम पैरोल पर बाहर आया और एक-एक महीने तक बागपत के बरनावा आश्रम में रहा. इस दौरान राम रहीम ने अपने साद संगत (अनुयायी) से भी बातचीत की और चुनाव को लेकर भी बरनावा आश्रम से बड़े फैसले लिए.अबकी बार राम रहीम पैरोल पर नहीं बल्कि फरलो पर बाहर आया था.

पूर्व में राम रहीम को 30 से 45 दिन का पैरोल मिलता रहा है, लेकिन इस बार कोर्ट ने उनकी 21 दिन की फरलो मंजूर की थी.

क्या होता हैं फरलो और पैरोल में फर्क
इस बार राम रहीम को पैरोल नहीं बल्कि फरलो मिला था, इसलिए यहां यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि पैरोल और फरलो में क्या फर्क होता है. बता दें कि कैदी को पैरोल की सुविधा उसके व्यवहार और सजा काटने के तरीके के आधार पर दी जाती है. इससे वह सामाजिक संबंधों को सुधार सकता है और कुछ महत्वपूर्ण कामों को निपटा सकता है. फरलो के बारे में जानकारी यह है कि वह एक छूट होती है, जिसे जेल में बंद कैदी स्वतंत्रता के रूप में प्राप्त करता है.