कोरोना LIVE: तेजी से फैल सकता है JN.1 वेरिएंट, पर गंभीर होने के आसार कम! 5 बड़े अपडेट

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(www.arya-tv.com) कोविड के अमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट JN.1 से जुड़े केस भारत में भी आ रहे हैं। दक्षिण भारत में दो मामलों की पुष्टि हुई है। चूंकि यह वेरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली से है, इसलिए उसी तर्ज पर तेजी से इसके फैलने का खतरा है।

हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी दिल्ली में इसके फैलने के आसार कम हैं। बावजूद इसके, अलर्ट रहने की जरूरत है, क्योंकि सर्दी में वायरस तेजी से फैलता है और पल्यूशन के साथ संक्रमण हो जाए तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

सफदरजंग अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसिन के HoD डॉक्टर जुगल किशोर ने बताया कि यह ओमिक्रॉन का ही सब वेरिएंट है, लेकिन इसके स्पाइक में बदलाव हुआ है।

यह वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए अपने मूल स्वरूप में बदलाव करता रहता है। जहां पर निगरानी अच्छी होती है, वहां नए वेरिएंट का पता चल जाता है। सबसे पहले सितंबर में अमेरिका में यह बदलाव देखा गया था।

वहां 20 से 25% मरीज नए वेरिएंट के हैं। हमारे देश के केरल में भी यह वेरिएंट अमेरिका से ही आया है।

जीनोम सिक्वेंसिंग होती रहे

कोविड एक्सपर्ट चंद्रकांत लहारिया ने कहा कि अभी जो मामले आ रहे हैं, यह सरकार और साइंटिफिक कम्युनिटी के लिए है। एसओपी बनी हुई है। कोविड मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करते रहना है।

उसी कड़ी में यह मामला सामने आया है। चूंकि इस समय चीन में संक्रमण फैलता दिख रहा है और यहां पर विंटर सीजन है, इसलिए यहां पर भी नजर रखना जरूरी है।

वैसे भी कोविड में दो साल से ज्यादा समय बीत गया है, वैक्सीन और नेचरल प्रोटेक्शन मिला हुआ है। अभी केवल क्लिनिकल लक्षण पर ध्यान रखना जरूरी है।

‘कोविड से बचाव की सावधानी अपनना ज़रूरी’

डॉक्टर जुगल ने कहा कि अभी किसी को खांसी-जुकाम होता है तो वह कोविड की जांच नहीं कराता है। निमोनिया होने पर जब वह भर्ती होता है, तब डॉक्टर जांच कराता है।

कोविड की जांच में तो केवल संक्रमण की पुष्टि होती है। नए वेरिएंट का पता जीनोम सीक्वेंसिंग से होता है। मुद्दा यह है कि पूरे इंडिया में यह सिक्वेंसिंग नहीं होती है। अब नए वेरिएंट की पहचान हुई है, तो सबसे पहले यह देखा जाएगा कि यह कितना संक्रमण करता है।

चूंकि ओमिक्रॉन फैमिली से है इसलिए तेजी से फैल सकता है, लेकिन ओमिक्रॉन खतरनाक नहीं था, इसलिए उम्मीद है कि यह डेडली भी नहीं होगा। चूंकि इसके स्पाइक में बदलाव हुआ है,

इसलिए जब तक मरीज के लक्षण का पता नहीं चल जाता है, गंभीरता का पता नहीं चलता, तब तक इस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। कोविड के अनुरूप बर्ताव अपनाना शुरू कर दें, तो बेहतर होगा।

देश में 1,970 एक्टिव केस, कर्नाटक में गाइडलाइंस जारी

देश में मंगलवार को कोविड के 288 नए केस आए। एक्टिव केस बढ़कर 1970 हो गए। कर्नाटक ने कोविड से बचाव के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों,

मरीजों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को घर से बाहर निकलने पर फेस मास्क पहनने को कहा गया है। साथ ही इन्हें बंद जगहों, कम हवा वाले स्थानों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने को कहा गया है।

केरल और तमिलनाडु की सीमा से लगे जिलों में अधिकारियों को सतर्क रहने, पर्याप्त जांच करने और कोविड मामलों की समय पर जानकारी देने को कहा गया है।

कोविड पर स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक आज

देश के कुछ राज्यों में कोविड के बढ़ते मामलों और नए सब वेरिएंट की मौजूदगी का पता चलने के बाद सरकार अलर्ट मोड में है।

बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे और तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

इसमें देखा जाएगा कि अगर केस बढ़ते हैं तो राज्यों की क्या-क्या तैयारी है।विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की कोई बात नहीं है।

अभी तक जो जानकारी मिल रही है, उसके हिसाब से नया वेरिएंट सामान्य फ्लू की तरह नजर आ रहा है। खांसी-जुकाम व बुखार होता है और घर पर ही मरीज ठीक हो रहे हैं।

WHO ने क्‍या कहा है

WHO ने JN.1 को BA.2.86 का सब-वेरिएंट बताया है। इसके स्पाइक प्रोटीन में सिर्फ एक अतिरिक्त म्यूटेशन है। WHO ने कोविड के साथ-साथ इंफ्लुएंजा और अन्य वायरस के साथ-साथ बैक्टीरिया फैलने पर भी चिंता जाहिर की है।