Commonwealth Games 2022: अखबार के एक लेख से बदली सागर अहलावत की दुनिया, बर्मिंघम में दिखेगा पंच का दम

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(www.arya-tv.com) कभी-कभी कागज पर लिखे चंद अल्फाज और दिग्गजों के किस्से आपके लिए सफलता और प्रेरणा का बड़ा मंत्र बन जाते हैं। भारतीय मुक्केबाज सागर अहलावत के लिए 2015 में दिग्गज बॉक्सर फ्लायड मेवेदर जूनियर और मैनी पैकियाओ के मुकाबले के बारे में अखबार में छपा पूरे पेज का एक लेख उनकी जिदंगी की ‘दशा और दिशा’ बदल गया। दरअसल इस लेख ने मुक्केबाज के रूप में उनके सपने को पूरा करने के लिए नई प्रेरणा दी। मेवेदर अमेरिका के वो मुक्केबाज हैं, जो अजेय रहे और जिन्होंने रिंग में दम भी दिखाया और दाम भी खूब बटोरा।

राष्ट्रमंडल खेल पहला बड़ा टूर्नामेंट

सात साल हो गए उस वाक्ये को और आज 20 साल के सागर बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में 92+ भारवर्ग में भारत के लिए पदक जीतने की रेस में हैं। सीनियर वर्ग में वह पहली बार भारतीय जर्सी में उतरेंगे। सागर कहते हैं, वो पढ़ने में ज्यादा अच्छे नहीं थे। मेरे से पढ़ाई होती ही नहीं, बारहवीं कक्षा की परीक्षा के बाद मैं सोच रहा था कि ऐसा कुछ करूं जिंदगी में कुछ सफलता हासिल कर सकूं।

किसान परिवार में जन्मे सागर के घर में इससे पहले कोई खेलों से नहीं जुड़ा था। एक दिन उन्होंने अखबार में 2015 में हुई दिग्गज मुक्केबाजों मेवेदर और पैकियाओ के मुकाबले के बारे में छपे लेख ‘फाइट ऑफ द सेंचुरी’ को पढ़ा। उन मुक्केबाजों की सफलता और शोहरत के किस्से पढ़कर उन्हें यह विचार सूझ गया कि भविष्य में उन्हें मुक्केबाज ही बनना है।