मुख्यमंत्री ने किया ‘माँ शारदालय’ मन्दिर का लोकार्पण

Lucknow UP
  • आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोग के कारण को जानने
    के साथ-साथ इसके निवारण का उपाय करना आवश्यक: मुख्यमंत्री
  • माँ शारदा तथा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमाओं की एक साथ
    स्थापना का लक्ष्य मेधा को लोककल्याणकारी बनाते हुए
    समाज को आरोग्यता हेतु अग्रसर करना
  • यह मन्दिर आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ नदी
    एवं जल संस्कृति के प्रति जागरूक होने का उदाहरण भी

स्वच्छ भारत मिशन और पिछले 02 वर्ष में किए गये प्रयासों से इन्सेफिलाइटिस के मामलों में 56 प्रतिशत तथा इससे होने वाली मृत्यु में 81 प्रतिशत की कमी आयी

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोग के कारण को जानने के साथ-साथ इसके निवारण का उपाय करना आवश्यक है। रोग के उपचार की व्यवस्था करने के बावजूद रोग के कारणों की रोकथाम न किया जाना समाज की सबसे बड़ी बीमारी हो जाती है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में ‘माँ शारदालय’ मन्दिर के लोकार्पण के पश्चात अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कनवेन्शन सेण्टर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि प्रत्येक वर्ष बसन्त पंचमी पर संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती पूजा के अवसर पर देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती रही है। पूजा के पश्चात यह प्रतिमा गोमती नदी में विसर्जित की जाती है। नदी में प्रतिमा के विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के उद्देश्य से चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में संस्थान के एलुमनाई सेल के सौजन्य से यह मन्दिर बनाया गया है। इसमें माँ शारदा एवं भगवान धन्वंतरि की मूर्तियां स्थापित की गयीं हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विद्या और मेधा की अधिष्ठात्री देवी माँ शारदा तथा आरोग्यता के देव भगवान धन्वंतरि की प्रतिमाओं की एक साथ स्थापना का एक ही लक्ष्य है कि हम अपनी मेधा को लोककल्याणकारी बनाते हुए समाज को आरोग्यता के लक्ष्य की पूर्ति हेतु अग्रसर कर सकें। यह मन्दिर आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ नदी एवं जल संस्कृति के प्रति जागरूक होने का उदाहरण भी है। विसर्जन के समय मूर्ति से निकलने वाले पदार्थ नदी के जल को दूषित न कर सके इसलिए यह नदी के प्रदूषण को कम करने का संस्थान का एक अभिनव प्रयास है। उन्होंने कहा कि मन्दिर में स्थापित प्रतिमाओं की दिव्यता और भव्यता संस्थान की भव्यता और दिव्यता को आगे ले जाने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर भारतीय मानता है कि जल ही जीवन है। जल के बगैर लम्बे अन्तराल तक जीवित नहीं रहा जा सकता। वर्तमान समय में जल की शुद्धता एवं संचयन के प्रति जागरूकता का अभाव दिखता है। जल की कीमत को नहीं समझा। समाज को यह कीमत चुकानी पड़ रही है। अनेक क्षेत्र भीषण जल संकट से ग्रसित हैं। जल जनित बीमारियां भी लोगों को प्रभावित कर रहीं हैं।