CJI ने लिखी PM मोदी को चिट्ठी, लंबित केसों पर दिया ये सुझाव

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नई दिल्ली। देश की अदालतों में जजों की भारी कमी है। मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र भेजा है।

पत्र में उन्होंने जजों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए लंबित मुकदमों का जिक्र किया है। गोगोई ने पत्र में लिखा है कि अदालतों में कई सालों से हजारों मामले में लंबित पड़े हैं, जिनके निपटारे के लिए जजों की संख्या बढ़नी चाहिए। सरकार सेवानिवृत्त जजों को फिक्स कार्यकाल के लिए नियुक्त करने की व्यवस्था लागू कर सकती है।

इसके साथ ही उन्होंने जजों की रिटायरमेंट आयु सीमा बढ़ाकर 65 साल करने का सुझाव दिया। आपको बता दें कि अभी हाई कोर्ट में जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल है। मोदी सरकार अगर ये दोनों बाते मानती है तो उसे संविधान में संशोधन करना होगा।

अभी सुप्रीम कोर्ट में जजों के 31 पद स्वीकृत हैं, फिलहाल इतने ही जज हैं। वहीं सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अभी हाई कोर्ट्स में करीब 44 लाख और सुप्रीम कोर्ट में 58,700 मामले लंबित पड़े हैं।

लंबित मुकदमों का हाल

26 मुकदमे 25 साल से चल रहे हैं, 100 से ज्यादा मुकदमे 20 साल, करीब 600 मुकदमे 15 साल और 4980 मुकदमे पिछले दस साल से चल रहे हैं।