ऑक्सीजन की खरीद फरोख्त में गोलमाल, नहीं दिखा पाए दस्तावेज

Lucknow UP

लखनऊ।(आरएनएस) कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन की मांग में कई गुना इजाफा हुआ है। ऐसे में कंपनियों ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर दी। मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। शिकायत पर बुधवार को खाद्य एवं औषधि (एफएसडीए) प्रशासन की ड्रग इकाई ने जानकीपुरम स्थित ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली फर्म में छापेमारी की। वहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली। लिहाजा फर्म को ऑक्सीजन की बिक्री रोक दिया गया है।

राजधानी के 29 अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। गंभीर मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। लिहाजा ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के आईसीयू और एचडीयू फुल हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की मांग बढ़ना लाजिमी है। ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार के मुताबिक जानकीपुरम स्थित मेसर्स चंद्रा गैसेज पर सहायक आयुक्त लखनऊ मंडल मनोज कुमार व ड्रग इंस्पेक्टर माधुरी सिंह ने बुधवार को टीम के साथ छापा मारा। फर्म के पास मेडिकल ऑक्सीजन की बिक्री का लाइसेंस है।

छापेमारी के दौरान टीम को गोदाम में ढेरों खामियां मिली। ऑक्सीजन सिलेंडर के रख-रखाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी। यहां ऑक्सीजन के बडे, मध्यम और छोटे सिलेंडर मिले। फायर विभाग की एनओसी तक नहीं मिली। ऑक्सीजन सिलेंडर किस कीमत पर खरीदें गए। कितने में ऑक्सीजन बेची जा रही है। फर्म संचालक ऑक्सीजन की बेच खरीद से संबंधित रिकार्ड नहीं दिखा पाए। ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक क्रय-विक्रय के अभिलेख मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।