(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को गोवा में एससीओ-विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शांति की संभावनाओं का अंदाजा तब लगाया जा सकता है जब महान शक्तियां शांतिदूतों की भूमिका निभाएं।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने मुख्य संबोधन में जरदारी ने सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘हमें कूटनीतिक बिंदुओं पर बढ़त हासिल करने करने के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने में नहीं फंसना चाहिए।
जरदारी का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एससीओ बैठक के दौरान उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद की चर्चा करते हुए कहा कि था कि यह ‘बेरोकटोक’ जारी है। उन्होंने कहा था कि सीमा पार आतंकवाद सहित आतंक के रूपों और अभिव्यक्तियों पर लगाम लगनी चाहिए।
जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में भाग लेने के लिए यहां आए हैं और संयोग से लगभग 12 वर्षों में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। इस दौरान बहुपक्षवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बिलावल ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करने वाले देशों की ओर से एकतरफा और अवैध कदम एससीओ के उद्देश्यों के विपरीत हैं।”
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं। इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के पूर्व पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है।
हाल ही में 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ से गुजर रहे सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने ग्रेनेड से गोलीबारी की थी, जिसमें पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से होने का संदेह था।
जरदारी ने अपने संबोधन में एक अंतर सरकारी संगठन के रूप में एससीओ की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ”एससीओ रचनात्मक और परस्पर लाभकारी सहयोग के माध्यम से आपसी समझ, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में उभरा है।
उन्होंने सामूहिक कार्रवाई का भी आग्रह किया और कहा कि हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। जरदारी ने एससीओ के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत पहुंचने पर कहा, ‘एससीओ को पाकिस्तान जितना महत्व देता है, उसके लिए इससे ज्यादा शक्तिशाली संकेत नहीं हो सकता कि इस सीएफएम के लिए मैं गोवा में मौजूद हूं।