बलरामपुर का मनरेगा घोटाला, रिटायर्ड़ IAS सच्चिदानंद दुबे के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में मनरेगा घोटाले की जांच कर रही CBI को राज्य सरकार ने तत्कालीन DM एवं रिटायर्ड़ IAS सच्चिदानंद दुबे के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। सच्चिदानंद दुबे को जांच में दोषी पाए जाने के बाद CBI ने उनके खिलाफ नए नियमों की वजह से केस चलाने की स्वीकृति मांगी थी। राज्य सरकार के इस फैसले से सच्चिदानंद दुबे की मुश्किलें बढ़नी तय है और अब उनको अदालत में सरेंडर करना होगा।

DM रहते हुए मिड डे मील घोटाला आया था सामने, 2014 का मामला
मैनपुरी में सच्चिदानंद दुबे के DM रहने के दौरान मिड डे़ मील घोटाला सामने आया था। इस मामले में दुबे के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद CBI ने 21 जुलाई 2014 को उनके आवास पर छापा मारकर कई अलमारियों में अलग–अलग लिफाफों में करीब 51 लाख रुपए की नगदी बरामद की थी। जांच में पता चला कि यह रकम बलरामपुर में DM रहने के दौरान मनरेगा घोटाले में बतौर रिश्वत मिली थी। इसके बाद CBI ने उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

जांच में CBI को मिले थे पूर्व IAS अधिकारी के खिलाफ प्रमाण

दरअसल, सच्चिदानंद दुबे के खिलाफ जांच में CBI को प्रमाण मिले थे कि उन्होंने वर्ष 2007 से 2009 के बीच DM रहने के दौरान मनरेगा का बजट स्टेशनरी खरीद‚ प्रचार-प्रसार और जनरेटर खरीद में खर्च कर दिया। केंद्रीय एजेंसी से खरीदारी के बजाय NGO से सप्लाई ली गयी जिसमें करोड़ों रुपए का गोलमाल हुआ।

चार मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है CBI

CBI बलरामपुर के चार मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जबकि कई मामलों की जांच जारी है। इसी तरह दुबे के मैनपुरी के DM रहने के दौरान मिड डे मील घोटाले में संलिप्त होने के आरोप हैं। इसमें तत्कालीन CDO जेबी सिंह व उदय शंकर चतुर्वेदी के अलावा पूर्व BSA KDN राम व सप्लाई करने वाली फर्म को CBI ने आरोपी बनाया था।