बरेली कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही विटामिन सी वालें फलों का चढ़ा भाव

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बरेली (www.arya-tv.com) शहर में एक बार फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गई है। तीन दिनों से यह संख्या 50 के पार पहुंचने से लोगों ने एक बार फिर से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसके चलते संतरे के साथ मौसमी की डिमांड एक बार फिर से बढ़ गई है।

कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का पालन और मास्क के साथ- साथ अचछा खानपान जरूरी है। खानपान में सबसे अहम विटामिन सी है, जिससे हमारा इम्युन सिस्टम मजबूत होता है। ऐसे में कोविड महामारी के दोबारा रफ्तार पकड़ने से विटामिन सी वाले फलों में तेजी से उछाल आया है।

15 दिन पहले के मुकाबले काफी रेट बढ़े हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद संतरे की कीमत में करीब तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। डेढ़ माह पहले 20 रुपये थोक में बिकने वाला संतरा अब 60 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। जबकि 15 रुपये किलो बिकने वाली मौसमी 40 रुपये किलो थोक में बिक रही है।

 पैदावार कम होने के साथ आवक कम होने से आयी तेजी

डेलापीर थोक फल मंडी के आढ़ती नईम खां के मुताबिक मौसमी व संतरा की इस बार पैदावार कम होने के साथ ही आवक भी कम है। जबकि गर्मी बढ़ने के कारण अचानक से जूस व कोरोना संक्रमण के मरीज मिलने से मांग में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे रेट में भी इजाफा हुआ है।

कोल्ड स्टोर से बाजार में आ रहा संतरा और मौसमी

मंडी में वैसे तो जो संतरा व मौसमी आ रही है वह महाराष्ट्र, नागपुर, हैदराबाद से एक या दो ही गाड़ी आ पा रही है। जबकि बीच-बीच में यह गाड़ी की जगह कोल्ड स्टोर से केवल पेटियों में संतरा व बोरियों में मौसमी आ रही है।

विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन है, जो कई खाद्य पदार्थों खासतौर पर फलों और सब्जियों में पाया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होने के साथ-साथ स्किन के लिए बेहतर होता है। विटामिन सी से इम्युन सिस्टम भी बूस्ट होता है। संतरा, मौसमी, नींबू जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी भरपूर होती है।- डा. एएम अग्रवाल, फिजिशियन

संतरे की फसल नागपुर में कम है। भवानी मंडी राजस्थान से भी संतरा नहीं आ पा रहा है। रोजाना केवल एक या दो ही गाड़ी आ पा रही है। कभी-कभी तो कैरेट के हिसाब से ही माल आ पा रहा है। – मोहम्मद आफताब, अध्ययक्ष डेलापीर फल मंडी

फरवरी, मार्च और अप्रैल में संतरा निकलता है लेकिन इस वर्ष मार्च से ही संतरा समाप्त हो गया। जनवरी, फरवरी में संतरे की आवक अधिक थी, जबकि मांग कम थी। – शुबान खान, फल आढ़ती

मौसमी की केवल एक गाड़ी ही हैदराबाद, महाराष्ट्र से आ पा रही है। गर्मी के साथ मांग बढ़ी है। जबकि आवक घटने से रेट में इजाफा हुआ है। – आरिफ कुरैशी, फल आढ़ती