ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर देशभर में तिरंगा यात्रा निकाला जा रहा है, जिसमें लोगों द्वारा भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया जा रहा है. इसी क्रम में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने सेना की जमकर तारीफ की और उन्होंने कहा कि सेना ने बहुत अच्छी कार्रवाई की है और आतंकवाद के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जरूरत भी है. इसके अलावा उन्होंने देश के अलग-अलग विषयों को लेकर भी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि देश में भी आतंकवाद जैसी हरकतों पर लगाम लगना चाहिए.
यासीन ने कहा कि 1971 में स्व. इंदिरा गांधी ने जब पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे तो हम लखनऊ विश्वविद्यालय में निकाले जा रहे विजय जुलूस में शामिल हुए थे, तिरंगा यात्रा का हम स्वागत करते हैं. हमारे लोगों का जज्बा देखने लायक था, और इस तिरंगा यात्रा से भी लोगों के अंदर एक अलग जज्बा आएगा.
वहीं सीजफायर को लेकर यासीन ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका का हस्तक्षेप गलत है. इंदिरा जी ने नहीं बर्दाश्त किया था, इंदिरा जी के समय में बहुत से लोगों ने कोशिश की थी. अमेरिका की मध्यस्थता को ना हमने स्वीकार किया है ना कभी करना चाहिए. अगर यह किया जाता है तो देश के साथ विश्वासघात होगा.
मोहम्मद यासीन ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद 384 मुसलमानो के साथ मारपीट की घटनाएं हुई. 40 से अधिक उत्तर प्रदेश में हुईं, इस आतंकवाद पर भी लगाम लगना चाहिए, यह देश को कमजोर करता है. हमारा एक निवेदन है कि देश में जो अंदर आतंकवाद पनप रहा है किसी को उजाड़ने का, इस पर लगाम लगाना चाहिए. वहीं पाकिस्तान की आतंकी कार्रवाई पर भी कहा कि आने वाले समय में भारतीय सेना हो या भारत सरकार में बैठे हुए शीर्ष लोग, उनके द्वारा लिया गया निर्णय बेहतर होगा.