भोपाल-दिल्ली के बीच 68 दिन में पत्थरबाजों के हमले:वंदे भारत के 30 शीशे टूटे

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(www.arya-tv.com) 160 KM की रफ्तार से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर मारकर उपद्रवियों ने 30 शीशे तोड़ दिए। ट्रेन के संचालित हुए मात्र 68 दिन अभी हुए है। मगर, ट्रेन के एग्जीक्यूटिव और चेयरकार कोच पर कई बार पत्थरबाजी हो चुकी है। हालांकि, अच्छी बात ये है कि इस पत्थर बाजी में अभी तक किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है। पीएम मोदी ने ट्रेन को 1 अप्रैल को भोपाल के कमलापति स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली के लिए रवाना किया था।

जानकारी के मुताबिक, इन टूटी खिड़कियों में से 16 खिड़कियों को भोपाल मंडल के कैरिज एंड वैगन स्टाफ द्वारा बदला जा चुका है। मगर, अभी भी ट्रेन में 14 विंडो ऐसी हैं जो पत्थरबाजी से टूटी हैं। इन खिड़कियों को बदला नहीं गया है।

बुधवार शाम को वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंची। इस दौरान टीम वंदे भारत ट्रेन के अंदर प्रवेश किया। जहां कोच ई-2, कोच सी-3, सी-4, सी-5, सी-6 और सी-7 में विंडो के शीशे टूटे हुए थे। कई खिड़कियों में लंबा क्रेक था। कुछ टूटी खिड़कियों को सही करने के लिए उन पर टेप लगाया गया था।

ट्रेन से दिल्ली से आगरा आई एक यात्री से जब कोच में टूटी खिड़की के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि नई ट्रेन में टूटी विंडो देखकर उन्हें हैरानी थीं। वहीं, ट्रेन में चलने वाले स्टाफ का कहना था कि रास्ते में ट्रेन पर शरारती लोग पत्थर मारते हैं, जिस कारण शीशे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

आगरा से दिल्ली के बीच हो रही घटनाएं
दरअसल, वंदे भारत का निजामुद्दीन से आगरा के बीच में कोई स्टॉपेज नहीं है। ट्रेन कई छोटे स्टेशनों से होकर गुजरती है। भोपाल रेल मंडल के PRO सूबेदार सिंह ने बताया कि वंदे भारत पर पथराव की 90 फीसदी घटनाएं दिल्ली से आगरा के बीच में हो रही हैं। 10 फीसदी घटनाएं ग्वालियर पर हो रही हैं। अभी तक 16 विंडो को बदलवाया जा चुका है। बाकी की 14 विंडो बदलवाने की प्रक्रिया जारी है। इन घटनाएं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।

वहीं, आगरा रेल मंडल की PRO प्रशास्ति श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन पर पथराव की कोई घटना संज्ञान में नहीं आई है। अगर, पथराव की घटना होती है, तो उसे पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। ट्रेन की रैक का मेंटीनेंस भोपाल रेल मंडल में होता है।