आखिर कैसे गलेगी AAP और कांग्रेस की दाल? पंजाब-दिल्ली में सीट बंटवारे का मसला है टेढ़ी खीर, अभी एक और बैठक की दरकार

# ## National

(www.arya-tv.com) बीजेपी से मुकाबले के लिए विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनी AAP और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के घर पर सोमवार को पहले दौर की बातचीत में दिल्ली समेत कई राज्यों को लेकर चर्चा हुई। AAP सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के साथ-साथ गोवा, हरियाणा, गुजरात और असम को लेकर भी पार्टी ने अपनी बात कांग्रेस के सामने रखी।

बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है। लेकिन, अभी सीटों के बंटवारे पर कोई फॉम्र्यूला तय नहीं हुआ है और 11 या 12 जनवरी को दोनों पार्टियों के नेताओं की एक और बैठक हो सकती है।

चुनाव से संबंधित कई मुद्दों पर अभी बातचीत रहेगी जारी

बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि चुनाव से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। अभी बातचीत जारी रहेगी और फिर से बैठक होगी। उसके बाद ही सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। हम मिलकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देंगे।

बैठक में AAP के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी भी शामिल हुए। वहीं कांग्रेस की तरफ से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी मौजूद रहे।

पंजाब का मसला सुलझाना है टेढ़ी खीर

कांग्रेस और AAP के लिए पंजाब में सीटों का बंटवारा टेड़ी खीर है। सूत्र बता रहे हैं कि दोनों पार्टियों की स्टेट यूनिट गठबंधन को लेकर इच्छुक नहीं है। पंजाब में 13 लोकसभा सीटें आती हैं। 2019 में कांग्रेस ने 8, अकाली दल ने 2, बीजेपी ने दो और एक सीट AAP ने जीती थी।

लेकिन 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 117 में से 92 सीटें जीती थीं। कांग्रेस 2019 में जीती हुई अपनी सीटें नहीं छोड़ना चाहती है जबकि AAP का कहना है कि 2022 के बाद सियासी हालात बदल गए हैं और कांग्रेस की स्थिति पहले जैसी नहीं रही है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के गोवा में 2 विधायक हैं, गुजरात में पांच विधायक हैं और गुजरात में संगठन भी मजबूत हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस के सामने इन सभी राज्यों को लेकर भी बात रखी गई।

दिल्ली में क्या 4-3 का होगा फॉर्म्युला?

दोनों पार्टियां दिल्ली को लेकर काफी गंभीर हैं। दिल्ली और पंजाब दोनों ही जगहों पर AAP की सरकार है। दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा हुआ था।

लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी और दो सीटों पर AAP दूसरे नंबर पर रही थी। हालांकि विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं।

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में 4-3 के फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। हालांकि सोमवार की बैठक में किसी फॉर्मूले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।