नगर निगम की एक सुखद पहल,कचरे से बनाया जायेगा कंपोस्ट खाद

Meerut Zone UP

मेरठ। (www.arya-tv.com)  यह नगर निगम की एक सुखद पहल है। शहर में घरों व किचन से निकलने वाले गीले कचरे (सब्जी की छीलन, पेड़-पौधों की पत्ती, सड़े फल) को अब होम कंपोस्टिंग से निस्तारित किया जाएगा। प्रथम चरण में नगर निगम ने 10 हजार घरों में होम कंपोस्टिंग शुरू कराने की योजना बनाई है। इसको अमलीजामा पहनाने के लिए चार संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह लक्ष्य 31 मार्च तक पूरा करना है। नगर निगम प्रशासन ने होम कंपोस्टिंग के लिए प्रेरक के तौर पर चार संस्थाओं को काम सौंपा गया है, जिसमें तीन संस्थाएं मेरठ की हैं, जबकि एक संस्था गाजियाबाद की है। प्रत्येक संस्था को ढाई हजार घरों की जिम्मेदारी दी गई है।

नई पहल करेंगी संस्‍थाएं

घरों का चिह्नंकन संस्थाओं को ही करना है। अनुबंध के अनुसार सालभर में प्रत्येक संस्था को प्रति घर 10 विजिट करनी अनिवार्य हैं। ये संस्थाएं प्रेरक के रूप में काम करेंगी। भवन स्वामी को होम कंपोस्टिंग की तकनीकी सलाह देंगी। कचरे की कंपोस्टिंग के लिए ईनाकुलम कल्चर प्रदान करेंगे। किचन के कचरे से तैयार कंपोस्ट के उपयोग के बारे में बताएंगे। नगर निगम इन संस्थाओं को प्रति होम कंपोस्टिंग शुरू होने पर 255 रुपये का भुगतान करेगा। पैसों का भुगतान भी नगर निगम प्रशासन होम कंपोस्टिंग का सत्यापन करने के बाद करेगा।

21 दिन में तैयार होगी कंपोस्ट खाद

निगम अधिकारियों का दावा है कि घर व किचन से निकलने वाले गीले कचरे से 21 दिन में कंपोस्ट खाद तैयार हो जाएगी। इसके लिए भवन स्वामी को घर में तीन डस्टबिन रखने पड़ेंगे। जिसके नंबर एक, दो और तीन निर्धारित करने होंगे। एक नंबर डस्टबिन में पहले दिन ईनाकुलम कल्चर डालने के बाद सात दिन तक इसी में गीला कचरा डालना होगा और ढककर रखना होगा। सात दिन बाद इस कचरे को दूसरे दिन डस्टबिन में रखा जाएगा। उसे भी ढककर रखा जाएगा। फिर सात दिन बाद तीसरे डस्टबिन में दूसरे डस्टबिन के कचरे को डाल दिया जाएगा। इस तरह 21 दिन में उपयोग करने लायक कंपोस्ट तैयार हो जाएगी। ईनाकुलम कल्चर की खास बात ये है कि ये कचरे को कंपोस्ट में बदलने के साथ ही दुर्गंध रहित कर देता है।

यहां करेंगें उपयोग

छत, बालकनी व बगीचे में रखे गमले में लगे पौधों में उवर्रक के रूप में कंपोस्ट का उपयोग कर सक ते हैं। आग्रेनिक सब्जियां व मेडिसिनल प्लांट उगाने में कंपोस्ट का उपयोग कर सकेंगे। बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि 10 हजार घरों में होम कंपोस्टिंग का लक्ष्य पूरा होने के बाद गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए आवेदन करेंगे। इसके मानकों के हिसाब से होम कंपोस्टिंग की तैयारी की है। प्रत्येक घर को अंकित किया जाएगा। होम कंपोस्टिंग की एक नंबर प्लेट घर के दरवाजे पर चस्पा करेंगे। भवन स्वामी का फोटो और आधार कार्ड की फोटोप्रति प्राप्त की जाएगी। इसके आधार पर ही गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम भौतिक सत्यापन करेगी। उनका कहना है कि मेरठ नगर निगम ऐसा प्रयास पहली बार कर रहा है। विश्व में इस तरह के रिकार्ड की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।