नोटो की ‘हेराफेरी’ में इंस्पेक्टर और दरोगा समेत 7 निलंबित:वाराणसी में 30 जून को कार में मिला था 90 लाख

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(www.arya-tv.com) वाराणसी में भेलूपुर थाना क्षेत्र में लावारिस कार में नोटों से भरा बोरा मिलने की जांच में सात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली। तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर समेत तीन दरोगा और तीन सिपाहियों पर निलंबित कर दिया गया।

मामले में पुलिस अधिकारी लूट की बरामदगी बताने में जुटे हैं। हालांकि बड़े पैमाने पर हवाला के पैसे का लेनदेन सामने आने के बाद सभी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं, इस मामले में कुछ अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

शंकुलधारा पोखरे के पास 30 जून को एक कार की डिगी में बोरे को खोलने पर उसमें रुपए बरामद हुए थे। थाने लाकर कैश की गिनती में 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले। नोटों की बरामदगी की बात चहुंओर फैल गई, कमिश्नरेट के अफसरों ने जांच की, तो कहानी कुछ और ही सामने आई। DCP काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में ही स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में लाइन हाजिर किए गए इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दरोगा और तीन सिपाही शामिल हैं।

अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने रिपोर्ट के आधार पर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, SI सुशील कुमार, SI महेश कुमार, SI उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

इंस्पेक्टर और सिपाहियों में खिंचा पाला

रुपयों की बरामदगी में सबकी हिस्सेदारी तय नहीं होन से दो पाले खिंच गए। इसमें इंस्पेक्टर एक ओर हैं और उनके साथ पैसे के हेरफेर में शामिल अन्य पुलिसकर्मी दूसरे पाले में हैं। जांच के बयान में पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं थी। उनके थाना प्रभारी उन्हें निर्देशित किया तो वह उनके निर्देश के क्रम में अपनी ड्यूटी समझ कर उनके साथ गए थे।

बता दें कि पिछले दिनों किरकिरी पर सबसे पहले पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, खोजवा चौकी इंचार्ज सुशील कुमार का तबादला कोतवाली थाने के लिए कर दिया। अब जांच में सात पुलिसकर्मी नोट की हेरफेरी में शामिल मिले तो सभी को निलंबित कर दिया।

‘गुरुजी’ नामक शख्स ने निभाई अहम भूमिका

कार से 92.94 लाख रुपये के मामले में सारनाथ क्षेत्र के निवासी थानेदारों का करीबी ‘गुरुजी’ सूत्रधार की भूमिका में सामने आया है। खुद को एक संगठन का प्रमुख बताने वाला यह शख्स पुलिस महकमे में थानेदारों से लेकर अफसरों के बीच हनक बनाए रखने वाला फिलहाल अपने सभी मोबाइल स्विच ऑफ कर और घर छोड़ कर फरार है।

इन रुपयों के हेरफेर में उसकी ‘हिस्सेदारी’ की भी चर्चा है। हालांकि पुलिस उसकी तलाश में उसके संभावित ठिकानों पर दबिश रही है।

पुलिस सूत्रों की माने तो हवाला की बड़ी रकम के हेरफेर में भेलूपुर थाने की पुलिस की मिलीभगत का मामला सामने आने पर कमिश्नरेट के अफसरों ने इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे को फटकार लगाई। पुलिस ने आनन-फानन गुरुजी को पकड़ा और यथासंभव नकदी बरामद कर न जाने किसके कहने पर उसे छोड़ दिया। वही, गुरुजी अब पुलिस के गले की फांस बन गया है।