करदाताओं के 296 करोड़ रिफंड जल्द से जल्द होंगे वापस, तीन ह​मीने में रिलीज होंगे रिफंड

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज।(www.arya-tv.com) लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने करदाताओं की आर्थिक दिक्कतों के निदान के मद्देनजर उनके रिफंड जल्द से जल्द वापस करने के निर्देश दिए थे। उसी क्रम में आयकर विभाग ने भी शीघ्रता दिखाते हुए ज्यादा से ज्यादा करदाताओं के रिफंड तीन महीने में रिलीज कर दिए। विभाग ने अप्रैल, मई और जून महीने में इलाहाबाद परिक्षेत्र में करीब 296 करोड़ रुपये रिफंड किए। टीडीएस कटौती और ज्यादा टैक्स जमा कर देने के मामलों में करदाताओं की बढ़ी रकम रिफंड की जाती है।

इस बार मार्च में लॉकडाउन घोषित हुआ तो केंद्र सरकार ने करदाताओं की सहूलियत के लिए उनके रिफंड जल्द जारी करने के लिए कहा था। उसके बाद विभागीय अधिकारियों ने सामान्य प्रकरणों के अलावा अपील के मामले भी तेजी से निस्तारित करते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र में आने वाले इलाहाबाद, वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्रों के 95 फीसद से ज्यादा ग्रीवांस तीन महीने में खत्म कर दिए। करीब पांच फीसद रिफंड उन्हीं मामलों में नहीं हो सके हैं, जिनमें किसी तरह का तकनीकी पेच फंस गया है।

सबसे ज्यादा रिफंड गोरखपुर क्षेत्र के करदाताओं को हुआ। इसके बाद वाराणसी और फिर इलाहाबाद क्षेत्र के करदाताओं को हुआ। खास यह कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल लगभग 54-55 फीसद ज्यादा रिफंड हुए। गत वर्ष तकरीबन 162 करोड़ रुपये ही पूरे परिक्षेत्र में रिफंड हुए थे। प्रधान आयकर आयुक्त सुबचनराम का कहना है कि लॉकडाउन में भी रिफंड में तेजी लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने के लिए अधिकारियों को लगाया गया था। अधिकारी मामलों में एनओसी जारी करके बंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर भेजते रहे।

जिससे करदाताओं के रिफंड जारी होते गए। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और इसके वेरिफिकेशन के बाद जब इसे सबमिट किया जाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसकी पड़ताल करता है। अगर क्लेम स्वीकार हुआ तो रिफंड अमाउंट इंटरेस्ट के साथ खाते में लौटा दिया जाता है। चेक करने के लिए टैक्स डिपार्टमेंट बेवसाइट पर जा सकते हैैं। व्यू रिटर्न एंड फॉर्म पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न के पेज पर जाने के लिए, इनकम टैक्स रिटर्न पर क्लिक करें।

इनकम टैक्स रिटर्न के पेज पर जाने के बाद नजर आएगा कि या तो आइटीआर प्रोसेस्ड हो चुकी है या वेरिफाइड या वेरिफिकेशन के लिए पेंडिंग है। अगर ये दिखाता है कि आइटीआर वेरिफाई नहीं हुई है तो आधार की मदद से दोबारा वेरिफाई करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं या फिर साइन की हुई आइटीआर-वी फॉर्म को इंडियन पोस्ट ऑफिस की आम पोस्ट या फिर स्पीड पोस्ट से इनकम टैक्स सीपीसी ऑफिस में भेज दें। आइटीआर प्रोसेस्ड हो चुकी है तो एकनॉलेजमेंट नंबर पर क्लिक कर जान सकते हैं कि रिफंड मिला या नहीं। अगर रिफंड दे दिया गया है तो उसमें किस मोड से पेमेंट की गई है, लिखा होगा।