UP में कोरोना से हाहाकर:अहमदाबाद से लखनऊ पहुंचेगी 25 हजार रेमडीसिविर इंजेक्शन

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के गहराते संकट के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।सरकार ने तय किया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को बाहर से मंगाया जाएगा। सीएम के निर्देश पर यूपी के लिए रेमडिसीविर इंजेक्शन मंगाने के लिए लखनऊ से अहमदाबाद के लिए विमान भेजा गया है, जिसके शाम तक यहां पहुंच जाने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश में रेमडेसिवर की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गुजरात के अहमदाबाद से दवा के 25 हजार डोज तत्काल मंगाने के आदेश दिए हैं। विमान इंजेक्शन को लेकर अहमदाबाद से वापस यूपी शाम तक लौट आएगा। इसके साथ ही सरकार और भी विकल्प देख रही है, जहां से इस इंजेक्शन को मंगाया जा सकता है।

24 घंटे में 20,510 केस मिले

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 20,510 केस मिले हैं। प्रदेश में ठीक होने वालों की संख्या 4,517 लोग की हैं। मौजूदा समय मे सक्रिय मामलों की संख्या 1,11,835 है। अब तक 9,376 लोगों की मृत्यु हुई है। बीते 24 घंटे में 2,10,121 सैम्पलों की जांच की गई इनमें से 90 हज़ार RT-PCR जांच की गई।

कई वरिष्ठ अधिकारी कोरोना की चपेट में

जानकारी के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में यूपी के कई बड़े आईएएस अफसर हुए कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं। इसमें राजस्व परिषद के चेयरमैन दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव आवास विकास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल विशेष सचिव मुख्यमंत्री, अमित सिंह विशेष सचिव नियुक्ति संजय सिंह, आबकारी आयुक्त गुरुप्रसाद, आईएस अनिल गर्ग के साथ सरकार के कई आईएएस अफसर कोविड पॉजिटिव हुए हैं।

7 जिलों में OPD सेवाएं बन्द

प्रदेश के सात जिले मसलन लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वाराणसी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में सामान्य ओपीडी बंद कर दी गई है।

अब मरीजों को केवल टेलीमेडिसिन की सुविधा ही मिल पाएगी। इलेक्टिव ओटी यानी सामान्य ऑपरेशन थिएटर को भी अब बंद कर दिया गया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डॉक्टर भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं, जिसकी वजह से चिकित्सा अधीक्षक को यह फैसला लेना पड़ा है। ऐसा ही हाल अन्‍य जिलों का भी है।