अयोध्या में बाढ़ प्रभावित इलाकों से ग्राउंड रिपोर्ट:24 गांव 10 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद

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(www.arya-tv.com)  अक्टूबर का आधा महीने बीत गया। धान की कटाई का समय चल रहा है, लेकिन तीन महीने की मेहनत पर पानी फिर गया है। क्योंकि अयोध्या के 7.6 हजार हेक्टेयर धान और अन्य फसलें पानी में पूरी तरह से डूब गए हैं। सैकड़ों बीघे गन्ना सरयू में बह गए। चारो तरफ केवल पानी ही पानी है। अयोध्या के 24 गांवों में 1657 परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

दैनिक भास्कर की टीम सोहावल, रुदौली तहसील के महंगू का पुरवा, कैथी, सडरी, पसैया, मुजेहना, पास्ता, माफी, नूरपुर, खैरी, सराय नासिर, मांझा सल्लाहपुर, दिनकरपुर गांव की यथा स्थित को देखने पहुंची। दिनकरपुर गांव में भास्कर का माइक देखते हुए किसानों का दर्द छलक उठा। गांव के किसानों ने बताया कि धान, गन्ना और बाजरा की बुआई किया था।

जून से सितंबर तक गर्मी और सूखे से किसी प्रकार फसल को बचाया। जानवरों से फसल को बचाने के लिए खेत में तार भी लगाए। रात-रात भर जगकर छुट्टा जानवरों से फसल भी बचाई। 10 अक्टूबर को सरयू के बिकराल रूप ने उनकी सभी मेहनत पर पानी फेर दिया। देखते ही देखते फसल सरयू की नदी में डूब गए। सोहावल क्षेत्र के दिनकरपुर गांव में 1000 बीघा फसल पूरी तरह से पानी भर गया है। दूर- दूर तक देखने पर कहीं न कहीं गन्ने की फसल पानी के ऊपर दिखाई देती है। गांव के राकेश बताते हैं कि 3 बीघे में करीब 20 हजार रुपए की भर्ती लगाई थी। अब सब कुछ सरयू माई लेकर चली गई।

कई गांव के फसल सरयू के तेज जलधारा में बही
दरसअल बाढ़ प्रभावित तराई क्षेत्र के गांवों महंगू का पुरवा, कैथी, सडरी, पसैया, मुजेहना, पास्ता, माफी, नूरपुर, खैरी, सराय नासिर, मांझा सल्लाहपुर 24 गांव बाढ़ की चपेट में है। यहां चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। मांझा सल्लाहपुर के निवासी जग प्रसाद यादव बताते है कि धान और चरी की फसल चौपट हो गई है। कोई उम्मीद नहीं है कि यह फसल अब उन्हें मिलेगी। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मूडाडीहा माझा, उरदाहवा, पूरे चेतन, सलेमपुर, पिपरी संग्राम, बस्ती माझा, मडना माझा, बलुइया, सेवरहवा, रामपुर पुआरी माझा, पनसैवा, नई दुनिया, धनाई का पुरवा काजीपुर माझा पूरे बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं।

सर्वे के बाद ही आंकड़ो का लग सकता है पता
जिला आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में करीब 7.6 हज़ार हेक्टेयर की फसलें बाढ़ से नष्ट हो गईं। सबसे अधिक नुकसान धान, बाजरा, चरी की फसलों का हुआ है। इसके अलावा 50% गन्ने की फसल नष्ट हो गई है। एसडीएम सोहावल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया, “पानी कम होने के बाद राजस्व की टीम सर्वे करेंगी। इसके बाद बाढ़ से हुए नुकसान का आंकड़ा लगाया जा सकता है। अभी कुछ कहना जल्द बाजी होगी।