भारत और भूटान की दोस्‍ती पर ड्रैगन को हो रही जलन, अब खतरे में है बफर जोन

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(www.arya-tv) 14 अक्टूबर को भूटान और चीन के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में भारत की चिंता को अधिक बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सूत्रों ने ​बताया कि दोनों देशों के बीच चल रहें सीमा विवादों को लेकर एक स्टेन भूटान आगे आया है। जो कि सीमा विवादों को लेकर जो झगड़ा चल रहा है उसे कम किया जा सके।

भारत ने भले ही इस समझौते पर अपनी कोई विस्तृत प्रतिक्रिया न दी हो, लेकिन चीन के साथ चल रहे इस तनाव के चलते वह इस घटनाक्रम को नजरअंदाज करने की स्थिति में आ रहें है। आखिर ​कार भारत की बड़ी चिंता क्‍या हो सकती है। भारत और भूटान के बीच कैसे संबंध हैं। भारत और भूटान के संबंधों में चीन दरार डालने की कोशिश में लगा हुआ है।

जानें भूटान को भारत ने कितनी मदद दी

क्या आप जानते है कि आठ लाख की आबादी वाले देश भूटान की अर्थव्यवस्था बहुत छोटी है लेकिन वह काफी हद तक भारत को होने वाले निर्यात पर ही निर्भर रहता ​था। वर्ष 2000 से 2017 के बीच भूटान को भारत से बतौर सहायता लगभग 4.7 बिलियन डालर मिले, जो भारत की कुल विदेशी सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा माना जाता था।

वर्ष 1961 में भारत के सीमा सड़क संगठन द्वारा शुरू किया गया प्रोजेक्ट दंतक किसी विदेशी धरती पर राष्ट्र निर्माण के लिए शुरू किया गया सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। भारतीय सहायता से ही भूटान के तीसरे नरेश जिग्मे दोरजी वांगचुक ने भूटान योजना आयोग की नींव रखी थी और तब से भारत भूटान में चलने वाली योजनाओं के लिए आर्थिक सहायता देता रहा है, ताकि संसाधनों की कमी के कारण भूटान का विकास न रुके।