पाकिस्तान की कश्मीर में मोहर्रम पर दंगा कराने की साजिश नाकाम

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कश्मीर में स्लीपर सेल के जरिए मोहर्रम पर दंगा कराने की पाकिस्तानी साजिश बेनकाब हो गई है। सेना, इंटेलीजेंस एजेंसियां, अर्धसैनिक बल और जम्मू कश्मीर पुलिस, सभी ने मिलकर कश्मीर घाटी में छिपे पाकिस्तान के कई स्लीपर सेल खोज निकाले हैं। एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि पिछले तीन दिनों के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया है जो 10 सितंबर को मोहर्रम के दिन घाटी में दंगा फसाद कराने की साजिश रच रहे थे।
इंटेलीजेंस एजेंसियों को फोन इंटरसेप्ट के जरिए पाकिस्तान के स्लीपर सेल का पता चला है।

सैन्य बलों के सूत्रों के अनुसार, ये स्लीपर सेल कश्मीर, गांदरबल, बांदीपोरा, बनिहाल, पुलवामा और अनंतनाग से हिरासत में लिए गए हैं। कई दिनों से इनके लैंड लाइन और मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगे थे। अपने गुर्गों को मैसेज भेजने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने इंटरनेट सर्विस का भी इस्तेमाल किया था। इनकी योजना थी कि मोहर्रम के दिन कश्मीर सहित घाटी के दूसरे इलाकों में मस्जिदों एवं जियारत (श्राइन) वाले दूसरे स्थानों पर हिंसा फैलाकर माहौल खराब कर दिया जाए।

बताया जा रहा है कि स्लीपर सेल को शिया और सुन्नी समुदाय के बीच झड़प कराने का भी निर्देश मिला था। स्लीपर सेल से कहा गया था कि जैसे ही किसी इलाके में मोहर्रम पर सुरक्षा पाबंदियां हटें, तो वहीं हमले को अंजाम दे दिया जाए। स्लीपर सेल को हिरासत में लेने के बाद ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि मोहर्रम के अवसर पर वहां किसी भी तरह की कोई छूट नहीं मिलेगी।

इसके अलावा घाटी में चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इसमें पहले नंबर पर सेना, दूसरे पर अर्धसैनिक बल और तीसरे पर जम्मू कश्मीर पुलिस रहेगी। इनके अलावा सुरक्षा के चौथे घेरे के रूप में एसपीओ की तैनाती की गई है। इन्हें गांवों और कस्बों पर नजर रखने की जिम्मेदारी मिली है। रॉ, आईबी, आर्मी इंटेलीजेंस और जेएंडके पुलिस की खुफिया यूनिट के लोग भी चप्पे चप्पे पर नजर रखे हैं। सुरक्षा के लिहाज से मंगलवार को मोहर्रम पर संचार सेवाएं बंद रहेंगी। इंटरनेट सेवा भी 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई है।