मुस्लिम महिलाओें के पक्ष में केंद्र सरकार ने भारी हंगामें के बीच तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश किया। इस बिल का कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया। वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सियासत या इबादत नहीं, बल्कि नारी न्याय का सवाल है।
गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा की कार्यवाही का आज 5वां दिन है।लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी तीन तलाक पर बिल लाया गया था लेकिन लोकसभा से पारित हो जाने के बाद यह बिल राज्यसभा से पास नहीं हो पाया था।
तीन तलाक बिल को पेश करने के लिए वोटिंग हुई। इसके पक्ष में 186 वोट पड़े जबकि 74 सदस्यों ने बिल के विरोध में वोटिंग की। इसके बाद रविशंकर प्रसाद ने फिर से बिल को पेश कर दिया।
क्याकहा ओवैसी ने
सांसद असदुद्दीन औवेसी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है। ओवैसी ने कहा कि इससे सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी, सरकार को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी क्यों है? केरल की हिन्दू महिलाओं की चिंता सरकार क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया है। इस बिल के बाद जो पति जेल जाएंगे तो महिलाओं का खर्चा क्या सरकार देने के लिए तैयार है।